चादर के ढारे में परिवार सहित नरकीय  जीवन यापन कर रही भागमती

छः साल से  बीपीएल में होने के बावजूद भी  भागमती को अपना मकान बनाने के लिए सरकार से आजतक कोई सहायता नहीं मिली। भारी बारिश, तूफान हो अथवा  कपंकंपाती ठंड में भागमती लोहे की चादरों से बने ढारे में नारकीय जीवन यापन करने को मजबूर

चादर के ढारे में परिवार सहित नरकीय  जीवन यापन कर रही भागमती

बीपीएल में होने के बावजूद भी सरकार से ननहीं  मिली मकान बनाने की योजना  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     18-07-2023

छः साल से  बीपीएल में होने के बावजूद भी  भागमती को अपना मकान बनाने के लिए सरकार से आजतक कोई सहायता नहीं मिली। भारी बारिश, तूफान हो अथवा  कपंकंपाती ठंड में भागमती लोहे की चादरों से बने ढारे में नारकीय जीवन यापन करने को मजबूर है।

सरकार के गरीबों को आवास योजना प्रदान करने के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। बता दें  मशोबरा ब्लाॅक के अंतिम छोर की पीरन पंचायत के गांव शिल्ली में भागमती बीते 17 वर्षों से पति व दो बच्चों के साथ  ढारे में जीवन यापन कर रही  है। भागमती के अनुसार वर्ष 2018 में पीरन पंचायत में उनके परिवार को बीपीएल सूची में डाला गया था। 

उसके उपरांत वह लगातार स्थानीय पंचायत और उच्चाधिकारियों के आगे मकान की योजना के लिए गिड़गिड़ाती रही परंतु किसी भी स्तर पर उनकी आजतक  सुनवाई नहीं हुई। अपनी व्यथा सुनाते हुए भागमती ने बताया  कि  उनके ढारे में दरवाजा न होने के कारण बरसात में कई बार विषैले  सांप व बिच्छू रात को प्रवेश करते हैं जिसके चलते उनका परिवार भयावह स्थिति में जीवन यापन कर रहा है। 

बारिश का सारा पानी ढारे के अंदर आ जाता है जिस कारण खाना बनाना व सोना मुश्किल हो जाता है। सर्दियों में बच्चों के साथ ठिठुरती ठंड में रातें बितानी कठिन हो जाती है। बताया कि मेहनत मजदूरी करके मकान बनाना आरंभ किया था वह भी धन के अभाव में अधूरा पड़ा है।

कलस्टर लेवल महिला संगठन क्योंथल की प्रधान गीता ठाकुर ने खेद प्रकट करते हुए बताया कि  साधन संपन परिवार बीपीएल को पूरा फायदा उठा रहे हैं जबकि गरीब व्यक्ति आज भी समाज के अंतिम छोर में अपनी बारी का इंतजार कर रहा है। उन्होने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह से आग्रह किया है कि इस पात्र परिवार के साथ हो रहे पक्षपात की जांच की जाए तथा भागमती को मकान बनाने हेतू सहायता प्रदान की जाए।

किसान सभा के राज्याध्यक्ष डाॅ कुलदीप तंवर ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी यदि किसी परिवार को ढारे में जीवन यापन करना पड़े तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने भागमती को मकान की स्कीम देने की सरकार से मांग की है। पीरन पंचायत के सचिव राजीव ठाकुर ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा भागमती का नाम मकान योजना के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों  को भेजा गया है।