जब एक साथ मायके पहुंची 10 बहने, पारंपरिक वेशभूषा में खत बनगांव की बेटियों ने शेयर की तस्वीरें

आज के आधुनिक युग में भले ही अभिभावक एक या दो बच्चे के बाद ही अलविदा कह देते हैं , लेकिन जिला सिरमौर और उत्तराखंड के जनजातीय इलाकों में आज भी अभिभावक दो से अधिक बच्चों को तरजीह देते है

जब एक साथ मायके पहुंची 10 बहने, पारंपरिक वेशभूषा में खत बनगांव की बेटियों ने शेयर की तस्वीरें
 

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून  07-07-2022

 

आज के आधुनिक युग में भले ही अभिभावक एक या दो बच्चे के बाद ही अलविदा कह देते हैं , लेकिन जिला सिरमौर और उत्तराखंड के जनजातीय इलाकों में आज भी अभिभावक दो से अधिक बच्चों को तरजीह देते है। 
 
 
लेकिन अधिक बच्चों का संयुक्त परिवार समाज को एक संदेश देता है की आपसी प्यार और भाईचारा क्या होता है। ऐसी ही एक तस्वीर इन दिनों उत्तराखंड के जौनसार बाबर के गांव घणता ( जेठोऊ -पुरयोडे ) खत बनगांव की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जहाँ चालदा महाराज ग्राम कोटा खत तपलाड़ से प्रवास पर आये है। 
 
 
इस मौके पर खत बनगांव की 10 बहने अपने मायके में पहुंची है और अपने पारंपरिक वेशभूषा में नजर आ रही है जो आकर्षण का केंद्र रही है। बहनों ने एक संयुक्त तस्वीर लेकर सोशल मीडिया पर शेयर की। 
 
 
जो एक संदेश दे रही है कि किस प्रकार जिला सिरमौर और जौनसार बावर के इलाकों में आज भी संयुक्त परिवार फल फूल रहा है। इन बहनों में की शादी अलग-अलग क्षेत्रों में हुई है लेकिन जब यह गांव में कोई शादी विवाह या फिर देव कार्य या समारोह होता है
 
 
तो यह सभी मायके आकर ना केवल परिवार की बल्कि गांव की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं या यूं कहें कि जिला सिरमौर के गिरीपार और जौनसार बावर में आज भी संयुक्त परिवार एक मिसाल है।