मंदिर हटाने से पहले पुलिस ने की हनुमान जी की पूजा , फिर हटाए मंदिर और मजार 

दिल्ली के भजनपुरा इलाके में रविवार सुबह सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस की निगरानी में एक हनुमान मंदिर और मजार को हटाया गया। सड़क चौड़ी करने के लिए राजधानी के पीडब्लयुडी डिपार्टमेंट ने यह कार्रवाई की। मंदिर हटाने से पहले एडिशनल डीसीपी सुबोध गोस्वामी ने हनुमान जी की पूजा भी

मंदिर हटाने से पहले पुलिस ने की हनुमान जी की पूजा , फिर हटाए मंदिर और मजार 
 
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  02-07-2023
 
दिल्ली के भजनपुरा इलाके में रविवार सुबह सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस की निगरानी में एक हनुमान मंदिर और मजार को हटाया गया। सड़क चौड़ी करने के लिए राजधानी के पीडब्लयुडी डिपार्टमेंट ने यह कार्रवाई की। मंदिर हटाने से पहले एडिशनल डीसीपी सुबोध गोस्वामी ने हनुमान जी की पूजा भी की। कार्रवाई का पहले विरोध हुआ था, जिसे देखते हुए सुरक्षाबलों को विशेष तौर पर तैनात किया गया था। इसके अलावा किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए कार्रवाई के दौरान पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी भी गई। 
 
 
पिछले हफ्ते पूर्वी दिल्ली के मंडावली में एमसीडी ने शनि मंदिर के बाहर अवैध रेलिंग को तोड़ा था। कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प भी हुई थी। लोगों के विरोध को देखते हुए यहां सीआरपीएफ तैनात करना पड़ा था। कार्रवाई के दौरान पुलिस माइक से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करती हुई नजर आई। कार्रवाई के दौरान पुलिस माइक से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करती हुई नजर आई। 
 
 
दिल्ली नॉर्थ-ईस्ट के डीसीपी जॉय एन तिर्की ने बताया कि दिल्ली की धार्मिक मामलों की कमेटी ने भजनपुरा इलाके में एक हनुमान मंदिर और एक मजार को हटाने का फैसला लिया था। जिससे सहारनपुर हाईवे के रोड को चौड़ा किया जा सके। स्थानीय लोगों के सहयोग से दोनों धार्मिक स्थलों को शांतिपूर्ण ढंग से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि दोनों स्ट्रक्चर आपसी सहमति से हटाए गए हैं। मंदिर के पुजारी ने खुद ही मूर्तियों को गाड़ी में रखा। 
 
 
मंदिर-मजार हटाने की कार्रवाई को ड्रोन कैमरे से रिकॉर्ड किया गया। सीलमपुर के एसडीएम शरत कुमार ने बताया कि भजनपुरा चौक पर एक हनुमान मंदिर और सड़क के बीच एक मजार थी। यह पीडब्ल्यूडी की सड़क पर थे। इन्हें हटाने के लिए संबंधित लोगों को 15 दिन का नोटिस दिया गया था, जो 15 मई को खत्म हो गया। इसके बाद  पीडब्ल्यूडी  ने अभियान चलाकर दोनों धार्मिक स्थलों को हटाया।