देश में ख़त्म हो चुकी है राजबाड़ाशाही , अब मान्य नहीं राजाओं के वक्त के समझौते , शानन प्रोजेक्ट पर हिमाचल का हक : चंद्र कुमार 

कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि शानन प्रोजेक्ट का समझौता मंडी के राजा के साथ हुआ था। इसे मंडी के राजा ने अंग्रेजों के साथ किया था। पाकिस्तान तक बिजली जाती थी। अब हिमाचल के साथ समझौता करना होगा। राजा-महाराजाओं के वक्त के समझौते भी अब जारी नहीं रह सकते हैं। अब रजवाड़े नहीं हैं। अब इस तरह की सारी संपत्तियां हिमाचल को स्थानांतरित होने चाहिए। पंजाब की संपत्तियां संयुक्त पंजाब

देश में ख़त्म हो चुकी है राजबाड़ाशाही , अब मान्य नहीं राजाओं के वक्त के समझौते , शानन प्रोजेक्ट पर हिमाचल का हक : चंद्र कुमार 

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  02-07-2023
 
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि शानन प्रोजेक्ट का समझौता मंडी के राजा के साथ हुआ था। इसे मंडी के राजा ने अंग्रेजों के साथ किया था। पाकिस्तान तक बिजली जाती थी। अब हिमाचल के साथ समझौता करना होगा। राजा-महाराजाओं के वक्त के समझौते भी अब जारी नहीं रह सकते हैं। अब रजवाड़े नहीं हैं। अब इस तरह की सारी संपत्तियां हिमाचल को स्थानांतरित होने चाहिए। पंजाब की संपत्तियां संयुक्त पंजाब की थीं। केवल उनकी नहीं हैं। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत अंतरराज्यीय समझौतों को खंगालने के लिए सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी गठित की है। इसके अध्यक्ष मंत्री चंद्र कुमार बनाए गए हैं। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है और न ही यह कोई नया मामला है। 
 
 
वर्ष 1966 में जब राज्यों का पुनर्गठन हुआ तो उस वक्त एक कमेटी बनी थी तो उसने कुछ समझौते किए थे। उन समझौतों में कहा गया था कि जो क्षेत्र पंजाब के हिमाचल प्रदेश में मिले, उसमें जनसंख्या और क्षेत्र के हिसाब से 7.19 प्रतिशत रॉयल्टी देने की बात की गई। बिजली को कोई भी प्रोजेक्ट 1966 से पहले का हो या इसके बाद बनेगा। उसका इस राज्य को 7.19 प्रतिशत लाभ मिलेगा। इसके अलावा और भी बहुत सी बातें कही गईं।  पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब थी। राज्य सरकार ने सोचा कि अब कोई ऐसा मसला नहीं उठाना चाहते कि इससे वहां कोई दिक्कत हो। 
 
 
वीरभद्र सरकार में सारे दस्तावेज लेकर सुप्रीम कोर्ट गए। वहां से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों को नोटिस दिए गए। बीबीएमबी को भी नोटिस दिए गए। हरियाणा और राजस्थान हिमाचल के शेयर पर राजी भी हुए। उन्होंने बिजली की कटौती पर सहमति जताई। भाखड़ा बांध पहले का बना हुआ था। उसके बाद पौंग बांध बना। इसका लाभ भी बाहरी राज्य ले रहे हैं। यह नया दावा नहीं है। इसे 1966 के समझौते के तहत किया जा रहा है। यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है। शानन प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए ट्रांसफर होना चाहिए। सारे प्रोजेक्ट अपनी लागत को पूरा कर चुके हैं। भाखड़ा, पौंग और डैहर परियोजनाएं इसे पूरा कर चुकी हैं।