निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को हाईकोर्ट का नोटिस , एमएमयू के पूर्व उपकुलपति ने दायर की थी याचिका

महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय ( एमएमयू ) के पूर्व उपकुलपति डॉ. विपिन सैनी ने अपने निष्कासन को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है

निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को हाईकोर्ट का नोटिस , एमएमयू के पूर्व उपकुलपति ने दायर की थी याचिका

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  29-04-2022

 

महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय ( एमएमयू ) के पूर्व उपकुलपति डॉ. विपिन सैनी ने अपने निष्कासन को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। 

 

मामले की आगामी सुनवाई 2 जून को निर्धारित की गई है। मामले में दलील दी गई है कि याचिकाकर्ता महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय में उपकुलपति के पद के लिए आवश्यक योग्यता रखते हैं, लेकिन आयोग ने यूजीसी की ओर से 18 जुलाई 2018 को जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए पद से हटाने के बारे में सिफारिश की है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी है कि उसे उपकुलपति के पद से हटाए जाने का निर्णय गलत है। 

 

यूजीसी की ओर से 18 जुलाई 2018 को जारी अधिसूचना में दी गई शैक्षणिक योग्यता उन पर लागू नहीं होती। उपकुलपति के पद पर नियुक्ति वर्ष 2016 में चलित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर की गई थी। 18 जुलाई 2018 को जारी अधिसूचना को पूर्व प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया जा सकता। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार याची ने प्रोफेसर के पद पर दस वर्ष और तीन महीने सेवा दी है और वह पूरी तरह से उपकुलपति के पद के लिए आवश्यक अनुभव रखते हैं। 

 

भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का उदाहरण देते हुए याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि वे भी सिविल सेवक होते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपकुलपति रह चुके हैं। याची ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि उसे महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय के उपकुलपति पद पर दोबारा तैनाती करने के बारे में आदेश पारित किया जाए।