नियमों को ताक पर रखकर एनएच-707 का निर्माण कार्य कर रही कंपनियां : नाथूराम 

नेशनल हाईवे 707 पर निर्माणाधीन कंपनियों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है जिसके चलते आए दिन नेशनल हाईवे पर हादसे हो रहे हैं।

नियमों को ताक पर रखकर एनएच-707 का निर्माण कार्य कर रही कंपनियां : नाथूराम 

बोले , कोर्ट आदेशों को धत्ता बता कर विस्फोटक सामग्री का हो रहा इस्तेमाल

अंकिता नेगी - पांवटा साहिब   18-01-2022
 
नेशनल हाईवे 707 पर निर्माणाधीन कंपनियों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है जिसके चलते आए दिन नेशनल हाईवे पर हादसे हो रहे हैं। यह बात आज पांवटा साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता में समाजसेवी व निर्माण रखरखाव एवं संघर्ष समिति के अध्यक्ष नाथूराम चौहान ने ने कही। 
 
उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन कंपनियों द्वारा सड़क निर्माण में की जा रही अनियमितताओं को लेकर कई मर्तबा शासन और प्रशासन को सूचित किया गया है बावजूद इसके भी कोई उचित कार्रवाई सरकार और प्रशासन द्वारा अमल में नहीं लाई जा रही है।
 
नतीजतन इस क्षेत्र के लोग बेमौत मारे जा रहे हैं , क्योंकि हाईवे पर अक्सर सड़क हादसे हो रहे हैं और इन सड़क हादसों का मुख्य कारण सड़क निर्माण में की जा रही अनियमितताएं है। 
 
पांवटा साहिब-शिलाई एनएच 707 के निर्माण कार्य में हो रही अनियमितताओं को लेकर नाथूराम चौहान ने राज्यपाल हिमाचल प्रदेश को शिकायत प्रेषित की हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीनों से बराबर इन अनियमितताओं को रोकने के लिए आवाज उठाई जा रही है।
 
बावजूद इसके निर्माण कार्य करवा रही कंपनियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में एसडीएम शिलाई, एसडीएम पांवटा एवं डीएफओ पांवटा साहिब - श्री रेणुका जी व वन मंत्री हिमाचल प्रदेश, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एवं एक्सईएन एनएच -707 व केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मंत्री नितिन जयराम गडकरी सहित तमाम अधिकारियों को कई मर्तबा सूचित किया जा चुका है।
 
मगर आज तक इसे गंभीरता से नहीं लिया गया हैं। जिसका खामियाजा लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि बीते सोमवार एनएच-707 पर कंपनी की अनियमिताओं के कारण 3 लोग अपनी जान गंवा चुके है। उसके बाद भी प्रशासन, स्थानीय नेता आंखे मूंद कर बैठे है। उनकी इस लापरवाही के कारण लोग जान से हाथ धो रहे हैं। 
 
नाथूराम चौहान ने कंपनी द्वारा खनन कार्य में इस्तेमाल किये जा रहे विस्फोटक सामग्री को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जब किसी भी कंपनी को निर्माण व खनन कार्य दौरान ब्लास्टिंग करने की अनुमति नहीं है, तो इस तरह से पहाड़ों का सीना क्यों छलनी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय है कि आखिर उक्त कंपनी के पास इतनी भारी मात्रा में अवैध विस्फोटक सामग्री कैसे पहुंची है।
 
साथ ही निर्माण कार्य दौरान सतर्कता बरतने की गाइडलाइन भी कंपनी द्वारा इस्तेमाल नहीं की जा रही है, जिसके चलते लोग खनन ब्लास्ट से निकली मिट्टी व पत्थर की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह पहला हादसा नहीं है, इससे पूर्व भी कुछ दिन पहले एक स्कूटर सवार दंपति बच्चे सहित खनन कार्य से गिरी मिट्टी की चपेट में आए थे, जिन्हें गंभीर चोटें आई थी। नाथूराम चौहान ने मामले में गंभीरता से जांच न होने पर न्यायिक लड़ाई लड़ने की बात कही है।