नहीं रहे पांवटा के सामजसेवी और उद्योगपति ज्ञान चंद गोयल
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 08-06-2020
पांवटा साहिब के जाने माने उद्योगपति व समाजसेवी ज्ञान चंद गोयल का कल शाम को देहांत हो गया वह 82 वर्ष के थे। 10 मार्च 1938 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जन्मे ज्ञान चंद गोयल ने हिमाचल प्रदेश के ही रामपुर बुशहर में शिक्षा हासिल करने के बाद एक दुकान से अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुवात की।
उन्होंने जिंदगी में संघर्ष के कई दौर देखे , लेकिन कभी हार नहीं मानी। 1981 में इंटरनेशनल सिलेंडर की नींव रखने के बाद व्यावसायिक जीवन में बड़ा मुकाम हासिल किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके मार्गदर्शन में तिरुपति समूह ने आकाश की बुलंदी हासिल की।
कारोबारी जीवन में भी वे जरूरतमंदों के लिए कुछ न कुछ करने के रास्ते तलाशते रहते थे। जानकारी के मुताबिक इंटरनैशनल सिलेंडर में गरीब मजदूरों के लिए लागत मूल्यों से भी कम दरों पर तीनों समय का भोजन उपलब्ध रहता था।
उनके द्वारा पांवटा साहिब में किए गए परमार्थ कार्यों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन ज्ञान चंद गोयल परमार्थ धर्मशाला से कोई अपरिचित नहीं है।
उन्होंने शहर के मध्य विशाल भूखंड पर बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन व धर्मशाला का निर्माण कर जरूरत मंदो के लिए आवश्यक कार्यक्रमों हेतू सुलभ साधन उपलब्ध करवा दिया।
कोरोना महामारी के चलते उनका अंतिम संस्कार शाम छह बजे ही पांवटा साहिब के स्वर्गधाम में किया कर दिया गया। जिससे शहर के अनेकों लोग उनको अंतिम श्रद्धांजलि देने से वंचित रह गए। उनके पुत्र अरुण गोयल ने उन्हें मुखाग्नी दी।