नहीं रहे शिरोमणि पंथ रत्न एवं पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह, बडू साहिब में ली अंतिम साँस 

जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के तहत लाना पलटा पंचायत में स्थित बडू साहिब शिक्षण संस्थान कलगीधार ट्रस्ट के संस्थापक बाबा इकबाल सिंह शनिवार दोपहर बाद निधन हो गया।

नहीं रहे शिरोमणि पंथ रत्न एवं पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह, बडू साहिब में ली अंतिम साँस 

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  29-01-2022

जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के तहत लाना पलटा पंचायत में स्थित बडू साहिब शिक्षण संस्थान कलगीधार ट्रस्ट के संस्थापक बाबा इकबाल सिंह शनिवार दोपहर बाद निधन हो गया। शुक्रवार को ही बाबा को मोहाली फार्टिस अस्पताल से बडू साहिब लाया गया था।
 
रविवार दोपहर बाद बडू साहिब में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बाबा इकबाल सिंह को शिरोमणि पंथ रतन एवं हाल ही में पदम श्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें सोशल वर्क के लिए दिया जाता है। जिसके तहत बाबा इकबाल सिंह जी ने पंजाब में सैंकड़ो अकाल एकेडमी व स्कूल खोले हैं।
 
 पंजाब के इन स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। बाबा इकबाल सिंह का जन्म 01मई1926 को हुआ था। उनका अन्तिम संस्कार बड़ू साहिब में रविवार को 2.00 बजे किया जायेगा। अंतिम संस्कार में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, अकाल तख्त साहब, पटना साहब, केशगढ़ साहब से संगत वा स्थानीय करीब 3000 लोग कोविड नियमों का पालन करते हुऐ शामिल होंगे।
 
बाबा इकबाल सिंह जी संत तेजा सिंह महाराज के संपर्क में 1950 में आए थे, जब वह खालसा कालेज अमृतसर से शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उसके बाद 1956 में पहली बार वह बडू साहिब में जमीन देखने पहुंचे तथा 1959 में गांव के स्थानीय व्यक्ति से जमीन खरीद ली। यहां पर संत तेजा सिंह महाराज के आदेशानुसार शिक्षण संस्थान खोलने के प्रयास शुरू कर दिए। 
 
1965 में बाबा इकबाल सिंह ने यहां पर कलगीधर ट्रस्ट की स्थापना की। इसी कलगीधर ट्रस्ट के तहत उन्होंने अकाल एकेडमीया देश में खोली। बाबा इकबाल सिंह ने 1987 तक हिमाचल प्रदेश कृषि एवं बागवानी निदेशक के पद पर भी सेवाएं दी। 1986 में उन्होंने बडू साहिब में 5 बच्चों से अकाल स्कूल की शुरुआत की थी।
 
आज बडू साहिब विश्व भर में प्रमुख शिक्षण संस्थान बन चुका है। जहां पर इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल, ईटरनल यूनिवर्सिटी, अकाल स्कूल, इंजीनियरिंग कालेज सहित कई बड़े शिक्षण संस्थान हैं। यह सब संस्थान बाबा इकबाल सिंह के योगदान से ही संभव हुए हैं। 97 वर्षीय बाबा इकबाल सिंह जी को कुछ वर्ष पूर्व शिरोमणि पंथ रतन पटना साहिब द्वारा दिया गया था। गत वर्ष अकाल तख्त अमृतसर द्वारा उन्हें विद्या मार्तंड पुरस्कार देने की घोषणा भी हुई है।