प्रदेश के 78 निजी बीएड कॉलेजों के खिलाफ फिर से जांच शुरू

हिमाचल प्रदेश के 78 निजी बीएड कॉलेजों के खिलाफ जांच दोबारा शुरू हो गई है। कुछ बीएड कॉलेजों के प्रबंधकों की ओर से हाईकोर्ट से स्टे लेने से आयोग की कार्रवाई रुक गई थी

प्रदेश के 78 निजी बीएड कॉलेजों के खिलाफ फिर से जांच शुरू

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला       11-06-2022

हिमाचल प्रदेश के 78 निजी बीएड कॉलेजों के खिलाफ जांच दोबारा शुरू हो गई है। कुछ बीएड कॉलेजों के प्रबंधकों की ओर से हाईकोर्ट से स्टे लेने से आयोग की कार्रवाई रुक गई थी। अब कोर्ट का स्टे हटते ही निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग फिर लय में आ गया है। 

सभी निजी बीएड कॉलेजों से वर्ष 2014 से अभी तक वसूली फीस और सरकार की ओर से निर्धारित फीस का रिकॉर्ड तलब किया गया है। संबंधित संस्थानों को हाईकोर्ट की ओर से स्टे हटाने के आदेश की कॉपी भी आयोग की ओर से बीएड कॉलेजों के प्रबंधकों को भेजी जा रही है।

निजी बीएड कॉलजों के परिसर बनाने के लिए धारा 118 की मंजूरी सहित भवनों के एग्रीमेंट और अनिवार्य दस्तावेज भी तलब किए गए हैं। कई बीएड कॉलेजों पर गलत जानकारियां देकर एनओसी लेने के आरोपों की शिकायतें मिलने के बाद आयोग ने जांच शुरू की है। 

हिमाचल में कृषि भूमि की खरीद गैर कृषक नहीं कर सकते हैं। गैर हिमाचली भी यहां जमीन नहीं खरीद सकते हैं। हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत गैर हिमाचली को भूमि खरीदने की मंजूरी मिलती है।

राज्य मंत्रिमंडल इस पर फैसला लेता है। आरोप है कि प्रदेश में कुछ निजी बीएड कॉलेजों ने धारा 118 की मंजूरी नहीं ली है। ऐसे में विनियामक आयोग ने सभी संस्थानों से इस संदर्भ में आवश्यक दस्तावेज पेश करने को कहा है। 

इसके अलावा किराये के भवनों में चल रहे कॉलेजों को रेंट एग्रीमेंट और भवनों के असल मालिकों की जानकारी देने को कहा गया है। इसके अलावा नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) से मंजूरी लेना भी अनिवार्य है। ऐसे में आयोग ने इन सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ बीएड कॉलेज प्रबंधकों को तलब किया है। सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद आयोग कमियों को तलाश कर आगामी कार्रवाई करेगा। 

विनियामक आयोग को मान्यता, फीस स्ट्रक्चर और अस्पतालों से संबद्धता की जानकारी नहीं देने वाले प्रदेश के चार निजी नर्सिंग संस्थानों को पुलिस के माध्यम से समन भेजे गए हैं। इन संस्थानों को कई बार आयोग की ओर से नोटिस भेजकर जानकारियां देने को कहा। इसके बावजूद इन संस्थानों ने जानकारी नहीं दी। अब आयोग ने पुलिस के माध्यम से समन देकर संबंधित संस्थानों के प्रबंधकों को तलब किया है।