प्रदेश के छात्रों को अब प्रैक्टिकल रूप में भी सिखाई जाएगी नैतिक शिक्षा
यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 24-08-2020
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अब छात्रों को अनुभव के साथ नैतिक मूल्यों के बारे में सिखाने का प्रावधान है। अब छात्रों को प्रैक्टिकल रूप में भी नैतिक शिक्षा सिखाई जाएगी, जिससे वह उसे व्यावहारिक जीवन में अपना सकें।
साथ ही अब छठीं कक्षा से ही छात्रों को वोकेशनल शिक्षा का पढ़ाने का प्रावधान किया जाएगा, जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाएगा। यह बात हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार सोनी ने कही।
डा. सोनी प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर व शोध के संयुक्त तत्त्वावधान से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कार्यान्वयन विषय पर आयोजित व्याख्यान माला के दूसरे दिन स्कूल शिक्षा के बारे में बतौर मुख्यवक्ता बोल रहे थे।
व्याख्यान माला के दूसरे दिन तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. एसपी बंसल मुख्यातिथि, जबकि अखिल भारतीय शोध कार्य प्रमुख डा. आलोक पांडे ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
मातृभाषा या स्थानीय भाषाओं में प्री-प्राइमरी और प्राइमरी के छात्रों को पढ़ाने की व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति में है, जिसे कार्यान्वयन करने के लिए समाज के हर वर्ग को सोचना होगा।
ऑनलाइन व्याख्यानमाला में विवि के कुलसचिव राकेश शर्मा, अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. कुलभूषण चंदेल, अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं फार्मेसी प्रो. राजेंद्र गुलेरिया, अधिष्ठाता अभियांत्रिकी डा. धीरेंद्र शर्मा मौजूद रहे।
अखिल भारतीय शोध कार्य प्रमुख डा. आलोक पांडे ने कहा कि शिक्षा नीति को नई तकनीक के साथ लागू करना होगा, जिससे आगामी 20 साल में इसके परिणाम देखने को मिल सकें।
तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सबसे पहले स्कूली स्तर पर बदलाव देखने को मिलेगा।
इसके लिए आगामी 10 साल में इस शिक्षा नीति को लागू करने के लिए केंद्र सरकार, राज्यों सरकारों के साथ हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होगी।
नीति लागू करने में मुख्य चुनौतियों और उसके समाधानों पर काम करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पांचवीं के बाद छात्रों की रुचि के अनुसार शिक्षा देने का प्रावधान होगा। इसके लिए विद्यार्थियों की क्षमता पर आधारित पाठ्यक्रम बनाने की दिशा में प्रयास करने पढ़ेंगे।