पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर बदले की भावना से काम करने के लगाए आरोप
शिमला हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में पूर्व सरकार के कार्यकाल में खुले विभागों को बंद करने पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने निशाना साधा है और कांग्रेस सरकार पर बदले की भावना से काम करने के आरोप लगाए
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 25-12-2022
शिमला हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में पूर्व सरकार के कार्यकाल में खुले विभागों को बंद करने पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने निशाना साधा है और कांग्रेस सरकार पर बदले की भावना से काम करने के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्री मंडल नही बनाने वाली अधूरी सरकार जनता से चुनाव में किये वादों पूरे करने की जगह जनहित में खोले संस्थानों को गैर कानूनी और असंवैधानिक तरीके से बन्द कर रही है। प्रदेश में इस तरह की तानाशाही सरकार जनता के बीच हंसी का पात्र बन गई है ओर ये कांग्रेस बन्द एक्सप्रेस सरकार बन कर रह गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में पहली बार किसी सरकार के खिलाफ 15 दिनों से पहले ही विपक्ष सड़क पर उरातने को मजबूर हुआ है। पूर्व सरकार ने कैबिनेट में इन विभागों को खोलने की मंजूरी दी थी और बजट का प्रावधान भी किया था और सभी कार्यालय काम भी कर रहे थे लेकिन इस सरकार ने तानाशाह के रूप में काम कर सभी विभागों को बन्द करने का फरमान जारी किया है।
जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नही किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बनने के बाद सबसे पहले सीमेंट इंडस्ट्री पर लगे ताले है जिससे 30 हज़ार से ज्यादा लोगो के रोजगार पर सीधा असर पड़ा है और ये सरकार केवल संस्थानों को डिनोटिफाई करने में मस्त में है।
डॉ राजीव भैया यही नहीं उन्होंने हमीरपुर चयन आयोग में एंजॉय आईटी का पेपर लीक होने पर भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा के कार्यकाल के दौरान जब पेपर लीक होते थे तो कांग्रेस हाय तौबा मचा दी थी लेकिन अब इस सरकार के बनते ही पेपर लीक हो गया है जिस पर मुख्यमंत्री कुछ बोल नहीं रहे और उसके मीडिया एडवाइजर ज्ञान बांट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के दौरान 10 दिन के भीतर o.p.s. देने और 15 महिलाओं के खाते में डालने का वादा किया था लेकिन अब इस सरकार को बने हुए 14 दिन से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी तक इनसे कैबिनेट का गठन भी नहीं हुआ है लोगों के हित में फैसला करने के बजाय यह सरकार जनविरोधी एक कार्य करने में लगी है जिसे विपक्ष किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी और सदन के अंदर भी और बाहर जनविरोधी फैसलों का विरोध किया जाएगा।