बेटियों ने समझा प्रवासी मजदूरों का दर्द रावी व आरोही ने तोड़ डाला गुल्लक
यंगवार्ता न्यूज़ - संगड़ाह 31-March-2020
कोरोनावायरस के खिलाफ जंग तथा 21 दिन के लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह में हर कोई अपना योगदान देने की कोशिश कर रहा है।
क्षेत्र में लॉक डाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था के लिए 9 वर्षीय रावि तथा उसकी 3 वर्षीय बहन आरोही ने तो अपना गुल्लक तक तोड़ दिया।
दोनों बहनों ने अपनी करीब 900 रुपए की सारी जमा पूंजी को प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए लॉक डाउन हेल्प टीम संगड़ाह को दे दी।
तालाबंदी मदद टीम के सदस्यों द्वारा पिछले तीन दिनों में राजस्थान, सहारनपुर, शिलाई व बिहार के मजदूरों के अलावा संगड़ाह कस्बे के आसपास के गांव में रह रहे प्रवासियों की विशेषत: खाना उपलब्ध करवाने में मदद की जा चुकी है।
सोमवार को उपमंडल संगड़ाह के गांव पालर व सांगना में चार जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई।
स्थानीय प्रशासन द्वारा भी पुराने तहसील कार्यालय में मजदूरों अथवा प्रवासियों के रहने की व्यवस्था की गई है।
यहां एक खनन व्यवसाई द्वारा 15 बिस्तर उपलब्ध करवाए गए हैं। बह्मामण सभा संगड़ाह के पदाधिकारी व योगिन्द्र कपिला, एचपी शर्मा व विद्यादत आदि द्वारा मुख्य बाजार में दुकानों के बाहर छिड़काव कर कस्बे को सेनिटाइज किया गया।
यहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दुकानों के बाहर लक्ष्मणरेखा भी लगाई गई है।