यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 02-03-2021
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि केवल आशा कुमारी और सुखविंद्र सिंह सुक्खू ही सही बोल रहे हैं, ऐसा नहीं है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो पेश किए जा रहे हैं। उन्हें अलग-अलग तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। राज्यपाल को गाड़ी में नहीं बैठने दिया गया। उनकी गाड़ी का दरवाजा ही तोड़ने का प्रयास हुआ। निलंबन पहली बार नहीं हुआ है।
सुरेश भारद्वाज बोले कि कांग्रेस सरकार के वक्त उन्हें और राजीव बिंदल को भी निलंबित किया गया था। वाद-विवाद से लोकतंत्र चलता है। इस प्रकार की घटना में नेता विपक्ष भी शामिल हों, यह पहली बार देखा गया है। वीरभद्र, विद्या स्टोक्स और प्रेम कुमार धूमल भी नेता प्रतिपक्ष रहे हैं, ऐसी स्थिति में वे पीछे रहे हैं। पर यहां तो नेता प्रतिपक्ष ही नेतृत्व कर रहे थे।
बगैर किसी शर्त के राज्यपाल से माफी मांगी जाए, उसके बाद ही निलंबन पर विचार होना चाहिए। विष्णुकांत शास्त्री के राज्यपाल रहते भी ऐसी घटना हुई थी तो उस वक्त राज्यपाल से वीरभद्र सिंह ने माफी मांगी थी कि ऐसा हो गया है। पर यहां स्थिति यह है कि कांग्रेस विधायक अपने पूर्वजों को ही नहीं मानते हैं।