बोल्बो बसें न चलने से उत्तराखंड शिफ्ट हो रहा टूरिस्ट , हिमाचल में कारोबारी मायूस 

बोल्बो बसें न चलने से उत्तराखंड शिफ्ट हो रहा टूरिस्ट , हिमाचल में कारोबारी मायूस 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   12-11-2020

हिमाचल का टूरिस्ट इस बार उत्तराखंड शिफ्ट हो गया है, जिससे होटल, टैक्सी, पैराग्लाइडिंग और अन्य कारोबारियों की दिवाली इस बार फीकी हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कोरोना के चलते राज्य सरकार ने प्रदेश में वोल्वों बसें चलाने की अनुमति नहीं दी। पर्यटक महंगे किराये पर टैक्सी हायर कर प्रदेश में नहीं आ रहे।

दूसरा वोल्वो का सफर आरामदायक रहता है। मनाली, शिमला, धर्मशाला समेत प्रदेश के पर्यटन स्थल सूने होने से इस बार कारोबार को झटका लगा है। होटलों में मात्र 20 से 25 फीसदी ऑक्यूपेंसी ही रह गई है, जो कि हर साल 50 से 60 फीसदी तक रहती थी।

 रोहतांग और आसपास की पहाड़ियों में ताजा बर्फ के बाद भी सैलानी मनाली नहीं पहुंच रहे हैं। दिवाली टूरिस्ट सीजन के दौरान दिल्ली से शिमला, मनाली और धर्मशाला के लिए रोजाना 80 से 100 वोल्वो बसें चलती थीं। दिल्ली से मनाली और शिमला के लिए टैक्सी 12 से 14 हजार रुपये में बुक होती है, जबकि वॉल्वो का प्रति सीट किराया मात्र 1000 से 1200 रुपये के बीच है।

शिमला ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन के महासचिव मनु सूद का कहना है कि वोल्वो बसें न चलने के अलावा फ्लाइट से सफर करने वाले टूरिस्ट भी एयरलाइंस की मनमानी से परेशान हैं। बार-बार फ्लाइट्स को रीशेड्यूल किया जा रहा है। मनाली होटलियर एसोसिएशन के प्रधान अनूप राम ठाकुर ने बताया कि पर्यटन सीजन मंदा होने से होटल मालिकों को खर्चा निकालना मुश्किल हो गया है।

वोल्वो बस एसोसिएशन के प्रधान वरुण मल्होत्रा ने कहा कि 90 फीसदी सैलानी वोल्वो बसों से आते हैं, लेकिन इस बार बसें चलाने को मंजूरी न मिलने से पर्यटक नहीं आए। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी बांबा का कहना है कि वोल्वो बसों का संचालन न होने के कारण दिवाली टूरिस्ट सीजन के लिए प्रदेश के होटलों में एडवांस बुकिंग न के बराबर है।