बोह में आठ लोग अभी भी लापता, दो शव बरामद, अब तक पांच लोगों को बचाया, देखें बचाव अभियान की तस्वीरें

बोह में आठ लोग अभी भी लापता, दो शव बरामद, अब तक पांच लोगों को बचाया, देखें बचाव अभियान की तस्वीरें
यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला  13-07-2021
 
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शाहपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर बोह घाटी में सोमवार को भारी बारिश से आई बाढ़ में 10 घर बह गए। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए मंगलवार सुबह करीब पांच बजे एनडीआरएफ के जवानों ने बचाव अभियान शुरू किया। कल देर रात तक चले बचाव अभियान के दौरान पांच लोगों को सुरक्षित बचाया गया। इनमें दो बच्चियां भी शामिल हैं।
 
मंगलवार दोपहर को मलबे से एक और शव को बरामद किया गया , लेकिन अभी भी मलबे में करीब आठ लोगों के दबे होने की आशंका है। सोमवार को बोह घाटी में एक महिला का शव मिला था। यहां अन्य घरों को खाली करवा लिया गया है। डीसी निपुण जिंदल और एसपी विमुक्त रंजन भी मौके पर मौजूद है।
 
एनडीआरएफ के करीब 50 जवान बचाव अभियान में लगे हैं। वहीं कांगड़ा जिला के डीसी निपुण जिंदल और एसपी विमुक्त रंजन भी मौके पर मौजूद है। इस आपदा से कई परिवार बेघर हो गए हैं। गौर हो कि  सोमवार को प्रदेश में मौसम के कहर से कुछ लोगों की जान चली गई।
 
मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रदेश भर में 10 घर बह गए। कई परिवारों के सिर से छत छिन गई। प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई है। धर्मशाला में करीब 23 साल बाद 24 घंटे के भीतर 395 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी।  वहीं, नगरोटा बगवां में दस साल की लड़की बह गई थी, जिसका शव 300 मीटर दूर मिला।
 
 पर्यटन स्थल भागसूनाग में 12 कारें, एक दर्जन मोटरसाइकिलें और शीला चौक में दो पुल बह गए थे। शीला चौक के पास एक श्मशान घाट बह गया और पासू में प्राइमरी स्कूल में पांच फीट तक पानी भर गया था। शिमला जिला के जुब्बल के झाल्टा संपर्क मार्ग पर कटिंडा के समीप चलती गाड़ी पर पत्थर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
 
कुल्लू जिला के मनाली के हमटा में एमबीबीएस की छात्रा वाटरफॉल में गिरने से लापता हो गई।लाहौल स्पीति के उदयपुर के किशोरी गांव में बारिश के बीच गाड़ी चला रहे सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापक चिनाब नदी में गिरने के बाद लापता हैं। उनकी भी तलाश की जा रही है। 
 
वहीं, बिजली पोल और तारें टूटने से प्रदेश में करीब 100 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। कई जगह बिजली सप्लाई ठप है। कई क्षेत्रों में गाद आने से पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।