बाहरी राज्यों के बागवान भी खरीद रहे हिमाचल से पौधे, अकेले सोलन यूनिवर्सिटी में बिके 1.50 लाख प्लांट्स
फलों के नए बगीचे तैयार करने के लिए सोलन की बागवानी व वानिकी यूनिवर्सिटी नौणी से इस बार हिमाचल ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बागवान भी पौधे लेने पहुंचे
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 23-01-2023
फलों के नए बगीचे तैयार करने के लिए सोलन की बागवानी व वानिकी यूनिवर्सिटी नौणी से इस बार हिमाचल ही नहीं, बल्कि बाहरी राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बागवान भी पौधे लेने पहुंचे। नौणी यूनिवर्सिटी के मुख्य परिसर व अन्य केंद्रों से पिछले 19 दिन में 1.50 लाख फलों के पौधे किसान-बागवान खरीद कर ले गए।
यूनिवर्सिटी में 4 जनवरी से पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर पौधों की बिक्री शुरू हुई थी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्रों ( केवीके ) से भी बड़ी संख्या में पौधों की बिक्री हुई है। अभी भी नौणी यूनिवर्सिटी परिसर, केवीके कंडाघाट और केवीके बजौरा में सेब व कुछ अन्य प्रजातियों के पौधे उपलब्ध हैं।
जिन फलदार पौधों की बिक्री हुई उनमें सेब, कीवी, पलम, खुरमानी, आड़ू, अखरोट, चेरी, नाशपाती के पौधे शामिल हैं। यूनिवर्सिटी पिछले कुछ साल से आधुनिक किस्मों के फलों के पौधे तैयार करके सस्ते दामों पर बागवानों को बेच रही है, ताकि बागवान अपने पुराने बगीचों को नए पौधों से बदल सकें।
यूनिवर्सिटी के ने कहा पीआरओ सुचेत अत्री ने कहा कि चंबा और शारबो केंद्र में उपलब्ध सभी प्लांट बिक चुके हैं। यूनिवर्सिटी के विभिन्न केंद्रों के बाकी प्लांट्स की बिक्री आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।
यूनिवर्सिटी के मुख्य परिसर और क्षेत्रीय केन्द्रों कंडाघाट और बजौरा में अभी भी सेब और गुठलीदार फलों की कई किस्में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। मुख्य परिसर में फल विज्ञान विभाग और बीज विज्ञान विभाग में विभिन्न क्लोनल रूटस्टॉक्स पर सेब के पौधे उपलब्ध हैं।