भैया दूज पर आज शीतकाल हेतु बंद हुए श्री केदारनाथ धाम के कपाट

20 नवंबर को भगवान बद्रीविशाल तो 22 को बंद होंगे भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट बंद

भैया दूज पर आज शीतकाल हेतु बंद हुए श्री केदारनाथ धाम के कपाट

गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होंगे केदार बाबा 


20 नवंबर को भगवान बद्रीविशाल तो 22 को बंद होंगे भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट बंद


सन्नी वर्मा - केदारनाथ   06-11-2021

उत्तराखंड चार धामों में प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज शनिवार भैया दूज वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा - प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये ब्रह्म मुहूर्त से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी।
 
प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आह्वान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्वयंभू शिवलिंग को विभूति तथा शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये।
 
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजों की भक्तिमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ हेतु प्रस्थान किया।
 
प्रदेश के राज्यपाल गुरमीत सिंह , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज , पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, चारधाम विकास परिषद पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने धामों के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी।
 
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बावजूद यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो रही है। चारो धामों में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे है।
 
मुख्य सचिव डा. एसएस संधू , सचिव तीर्थाटन हरिचंद सेमवाल , पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर , आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन , डीआईजी अशोक कुमार, आपदा सचिव एसए मुरुगेशन, आपदा निदेशक डा. पीयूष रौतेला ने केदारनाथ सहित चारों धामों में यात्रा व्यवस्था से जुड़े जिला प्रशासन सहित,सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों, चिकित्सा पुलिस प्रशासन को यात्रा समापन बधाई दी है।