मेडिकल कॉलेज में फार्माकालोजी और माइक्रोबायोलॉजी की एमडी को मिली मंजूरी
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 24-07-2021
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने हिमाचल प्रदेश के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में फार्माकालोजी और माइक्रोबायोलॉजी की एमडी (पोस्ट ग्रैजुएशन) को मंजूरी दे दी है।
फार्माकालोजी के लिए दो और माइक्रोबायोलाजी की चार सीटों को भी स्वीकृति दी गई है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एमसीआई को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है। इसी सत्र में यह सीटें भरी जाएंगी।
इसकी कवायद शुरू हो गई है। वर्तमान में नेरचौक मेडिकल कॉलेज में प्रसूति और स्त्री रोग में डीएनबी पाठ्यक्रम हैं। इस वर्ष मेडिसन और सर्जरी में डीएनबी की अनुमति मिल चुकी है।
बता दें कि डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) एक पोस्ट-ग्रैजुएट मास्टर डिग्री है। यह बतौर रेजिडेंशियल डॉक्टर के तीन साल पूरा होने के बाद दी जाती है। यह विशेषज्ञ डॉक्टरों को दी जाने वाली एमडी, एमएस डिग्री के समान है।
फार्माकोलॉजी एक विज्ञान है, जो मनुष्यों के शरीर पर रसायनों के उत्पादन, संरचना और प्रभावों का अध्ययन करता है। माइक्रोबायोलाजी विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें जीव जंतुओं और पेड़ पौधों के बारे में स्टडी की जाती है। इसे हिंदी में सूक्ष्म जीव विज्ञान कहा जाता है।
एमसीआई ने दोनों पीजी कोर्सों के लिए छह सीटों की स्वीकृति दी है। नेरचौक कॉलेज राज्य के सभी नए कॉलेजों के लिए रोल मॉडल बनकर सामने आ रहा है। कोविड काल में 5 जिलों के मरीजों का प्रबंधन किया है।
भविष्य में भी सूबे में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कॉलेज प्रयासरत है। - आरसी ठाकुर, प्राचार्य नेरचौक मेडिकल कॉलेज मंडी