मणिमहेश यात्रा : पथरीले और संकरे मार्ग से निकला श्रद्धालुओं का जत्था

मणिमहेश यात्रा : पथरीले और संकरे मार्ग से निकला श्रद्धालुओं का जत्था

यंगवार्ता न्यूज़ - चंबा 23-08-2020

ऐतिहासिक पौरी मेले में धार्मिक रस्मों की अदायगी के बाद रविवार को लाहौल घाटी के श्रद्धालुओं का जत्था मणिमहेश के लिए रवाना हुआ। 65 किलोमीटर की दुर्गम यात्रा के दौरान मणिमहेश पहुंचने में श्रद्धालुओं को चार दिन का समय लगेगा। यह मार्ग पथरीला और संकरा है।

श्रद्धालुओं की कठिन तपस्या के आगे कठिन राहें भी आसान लगने लगती हैं। झील तक पहुंचने के चार दिन के पड़ाव में खोलडु पधर, माता थान, केलिंग मंदिर के बाद चौथे दिन श्रद्धालु मणिमहेश झील पहुंचेंगे। गत वर्षों के मुकाबले कोरोना के चलते इस बार मणिमहेश झील की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई है।

लाहौल घाटी के वयोवृद्ध 86 साल के देवी सिंह और 75 साल के राम सिंह ने कहा कि इस ओर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना को लेकर पदयात्रा पर निकलते हैं।

जोबरंग पंचायत के पूर्व प्रधान सोमदेव योकी ने कहा कि इस बार कोरोना महामारी के चलते कोई भी श्रद्धालु इस रूट जोबरंग कुगती पास होते हुए मणिमहेश झील की ओर नहीं निकले हैं, लेकिन ऐतिहासिक त्रिलोकीनाथ में मनाए जाने वाले ऐतिहासिक पौरी मेले के समापन पर हर साल श्रद्धालुओं का बड़ा जत्था मणिमहेश झील की ओर रवाना होता है।

इस बार भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना को लेकर धार्मिक रस्मों की अदायगी के बीच झील की ओर रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह रास्ता पथरीला और थकाऊ है। यह कुगती पास से होकर इस वर्ष की यह अंतिम यात्रा है। इसके उपरांत कुगती पास में कभी भी बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे में इस ओर निकलना काफी जोखिम भरा रहता है।