यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-10-2020
राजस्व मामलों के सरलीकरण और समयबद्ध निपटाने के लिए सरकार द्वारा गठित उप समिति का चहुंओर से स्वागत हुआ है । गौर रहे कि राजस्व मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में अदालतों में लंबित पड़े राजस्व मामलों पर कड़ा संज्ञान लिया गया है और इस गंभीर विषय के समाधान व सरलीकरण के लिए 30 सिंतबर तक उप समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है ।
मंत्री ने माना प्रदेश में भूमि संबधी 94902 मामले राजस्व अदालतों में लंबित है जिनमें 29313 तकसीम और 18025 मामले निशानदेही के शामिल है । बुद्धिजीवी एंव वरिष्ठ नागरिक विद्यानंद सरैक, सतप्रकाश, हरिदास बनोल्टा, राजेन्द्र सिंह, राजेश ठाकुर सहित अनेक लोगों ने राजस्व मंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया है ।
इनका कहना है कि राजस्व अधिकारियों को विभिन्न कार्य सौंपे जाने के कारण राजस्व संबधी मामले लंबित हो रहे हैं । वीआईपी डियूटी व बैठकों में भाग लेने के कारण राजस्व अधिकारी कोर्ट में नहंी बैठ सकते हैं जिससे लोगों को राजस्व अदालतों में तारीख पर तारीखें मिलती रहती है।
वरिष्ठ नागरिक विश्वानंद ठाकुर, प्रीतम ठाकुर का कहना है कि लोग दूरदराज गांव से धन और समय बर्बाद करके पेशी पर आते हैं जब अदालत में राजस्व अधिकारी नहीं मिलते है तो उन्हें निराश होकर वापिस जाना पड़ता है ।
इनका कहना है कि भूमि संबधी मामलों के निपटाने के लिए राजस्व अधिकारियों को वीआईपी डियूटी से मुक्त रखा जाए और समन की तामील प्रक्रिया को चुस्त दुरूस्त किेया जाए क्योंकि समन की तामील सही परिप्रेक्ष्य में न होने से भी केस अनसुलझे रह जाते है ।
इनका कहना है कि अनेकों बार समन की तामील संबधित कर्मचारियों द्वारा मौके पर जाने की बजाए मोबाईल फोन पर करवाई जाती है जोकि उचित नहंी है । इनका यह भी कहना है कि सैटलमैंट के दौरान गलत इंद्राज होने की वजह से भी काफी राजस्व विवाद बढ़ गए है और लोगों की पुश्तैनी जमीनें कागजों पर कहीं और दर्शाई गई है जिससे लोगों में झगड़े उत्पन्न हो रहे है ।
इनका कहना है कि सिविल और राजस्व अदालतों में भूमि संबधी मामले सर्वाधिक है और यदि सरकार इस समस्या से निपटने बारे कारगर पग उठाती है तो इससे लोगो को काफी राहत मिलेगी ।