रिटायरमेंट के बाद शुरू की गई विभागीय कार्रवाई होगी गैरकानूनी : हाईकोर्ट
रिटायरमेंट के बाद शुरू की गई विभागीय कार्रवाई होगी गैरकानूनी : हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति के बाद शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को गैरकानूनी ठहराते हुए निरस्त करने के आदेश दिए।न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह कि खंडपीठ ने विभागीय कार्रवाई पर कानूनी स्थिति स्पष्ट करते हुए
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति के बाद शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को गैरकानूनी ठहराते हुए निरस्त करने के आदेश दिए।न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह कि खंडपीठ ने विभागीय कार्रवाई पर कानूनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के पश्चात विभागीय कार्रवाई शुरू करने का कोई कानून नहीं है।
जबकि सेवानिवृत्ति से पहले शुरू की गई विभागीय कार्रवाई सेवानिवृति के पश्चात जारी तो रह सकती है परंतु इससे सजा में बदलाव आ जाता है। सेवानिवृत्ति के बाद अंजाम तक पहुंची विभागीय कार्रवाई में दोषी को सेवा से बर्खास्त करने जैसी सजा नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सेवानिवृत्ति के बाद शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को गैरकानूनी ठहराते हुए कहा कि रिटायरमेंट के बाद नियोक्ता और कर्मचारी का आपस में रिश्ता खत्म हो जाता है।
यह रिश्ता केवल सेवानिवृति से जुड़े लाभों तक ही सीमित रहता है। मामले के अनुसार प्रार्थी बीर सिंह और मान सिंह सेवानिवृत्ति आयु पूरा करने पर 31 जनवरी 2013 और 29 फरवरी 2012 को वन निगम से रिटायर हुए। 8 नवम्बर 2019 को विभाग ने दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का मेमोरेंडम दिया।
प्रार्थियों ने इस मेमोरेंडम को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कानूनी स्थिति स्पष्ट करते हुए ठहराते हुए विभागीय कार्रवाई को गैरकानूनी ठहराते हुए मेमोरेंडम को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस कार्रवाई को गैरकानूनी ठहराते हुए अहम फैसला सुनाया।