रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन रहा बर्फीला तूफ़ान , खराब मौसम के चलते हर्षिल हेलीपैड पहुंचाए चार शव , दस की तलाश जारी

उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के दल में से 29 सदस्य रविवार को डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए थे

रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन रहा बर्फीला तूफ़ान , खराब मौसम के चलते हर्षिल हेलीपैड पहुंचाए चार शव , दस की तलाश जारी

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून  07-10-2022
 
उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के दल में से 29 सदस्य रविवार को डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए थे। मौसम खराब होने के कारण  रेस्क्यू टीम को भी लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। एडवांस बेस कैंप में तैनात रेस्क्यू टीम द्वारा लापता शेष 10 ट्रेनी की खोजबीन की जा रही है। 
 
 
वहीं आज शुक्रवार सुबह दो हेलीकॉप्टर घटनास्थल के लिए रवाना हुए। इसके बाद एएलएच हेलीकॉप्टर समिट कैंप से चार शवों को लेकर हर्षिल हेलीपैड पहुंचा। हेलीकॉप्टर द्वारा शवों को मातली हेलीपैड लाने का प्रयास किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण शवों को हर्षित हेलीपैड पर उतारा गया है, जिन्हें अब सड़क मार्ग से उत्तरकाशी भेजा गया। चार शवों में से दो शवों की एनआईएम प्रशिक्षक सविता कंसवाल और नौमी रावत के रूप में शिनाख्त हुई है। 
 
 
हर्षिल से दो शव आर्मी एम्बुलेंस से और दो शव 108 सेवा से उत्तरकाशी भेजे गए। उत्तरकाशी के डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र से रेस्क्यू दल ने बृहस्पतिवार को 15 शव बरामद किए थे। चार शव घटना के दिन ही बरामद हो गए थे। अब तक कुल 19 शव मिल चुके हैं। वहीं 10 लोग अभी भी लापता हैं। बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे से घटना स्थल पर रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ। 
 
 
पैदल गई एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीम बुधवार को घटना स्थल से तीन घंटे की दूरी तक पहुंच गई थी। पौ फटते ही रेस्क्यू दल ने घटना स्थल की ओर बढ़ना शुरू किया। करीब साढ़े सात बजे दल ने घटनास्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान शुरू किया।जबकि हाई एल्टीट्यूड वार वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम मातली हेलीपैड से सीधे घटना स्थल पर उतरी। 
 
 
यहां से 15 शव बरामद किए गए। इसकी सूचना मिलते ही परिजन हेलीपैड पर जमा हो गए। करीब दोपहर 2 बजे प्रशासन ने परिजनों को बताया कि घटना स्थल पर मौसम खराब होने के कारण शवों को अभी लाना संभव नहीं है। मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है।