लाॅकडाउन के बीच नाैकरी छाेड़ गांव लौटे लाेगाें काे उनकी पसंद का व्यवसायिक प्रशिक्षण देगी सरकार
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-07-2020
लाॅकडाउन के बीच नाैकरी छाेड़ कर अपने गांव पहुंचे लाेगाें काे सरकार उनकी पसंद का व्यवसायिक प्रशिक्षण देगी। पहले चरण में चार जिलाें के 18 ब्लाॅक में युवाओं काे व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिन चार जिलाें में युवाओं काे व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाना है उसमें जिला मंडी, ऊना, साेलन और हमीरपुर जिला शामिल है। व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए अलग से ट्रेनर रखे जाने है।
गांव में रहने वाले लाेगाें का शहराें की तरफ पलायन राेकने के लिए ग्रामीण विकास विभाग युवाओं काे हमारी लुप्त हाेती पारंपरिक कलाओं काे जीवित रखने के लिए ये व्यवसायिक प्रशिक्षण देगा।
इसके लिए पहले युवाओं काे संबंधित ब्लाक में अपने आप काे पंजीकृत करना हाेगा। संदीप भटनागर, सचिव ग्रामीण विकास ने बताया कि लाेगाें काे व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए चार जिलाें के 18 खंडाें में ट्रेड का चयन कर लिया है।
इससे जहां लाेगाें काे राेजगार के लिए तैयार किया जाएगा वहीं प्रदेश की लुप्त हाेती कारीगरी काे भी संरक्षित किया जाएगा।
विभाग प्रत्येक युवा काे संबंधित जिले के पारंपरिक कलाओं के आधार पर ये व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसमें मंडी जिला के युवाओं काे लकड़ी नक्काशी, मूर्तिकाल, धातू की मूर्ति, टाेकरी, कीलटा बनाना, मंडी कलम पेंटिंग, पत्थर नक्काशी का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिला ऊना में ऊनी कढ़ाई, बांस का उत्पाद, लकड़ी की नक्काशी, कश्मीरी सूती कढ़ाई का प्रशिक्षण दिय जाएगा। जिला साेलन में पाईन नीडल उत्पाद तैयार करने, बांस के उत्पाद, पत्थर की नक्काशी, हमीरपुर में बांस का उत्पादन और मिट्टी के सामान बनाने की कला काे सिखाया जाएगा ।
युवाओं काे व्यवसायिक प्रशिक्षण देने वालाें काे विभाग 7500 रूपए मासिक दिए जाएंगे। प्रशिक्षण लेने वाले काे भी विभाग 3000 रुपए बताैर स्टाइफंड मिलेंगे।
प्रशिक्षण ग्रहण करने के बाद विभाग उनके तैयार उत्पादाें काे बाजार के साथ भी जाेड़ेगा और उन्हें उचित विपणन सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।