वन कर्मियों की छुट्टियां रद्द, गर्मी बढ़ने से जंगलों में आग लगने का मडराने लगा खतरा
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 27-05-2020
गर्मियां बढ़ने से वनों में आग का खतरा मंडराने लगा है। गर्मियों से वनों में आद्रता खत्म हो रही है और ऐसे में जरा से आग पूरे के पूरा जंगल तबाह कर सकती है।
हालांकि अभी तक आग की बहुत कम ही घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन अगर इसी तरह सूरज तपता रहा तो वनों में आग भयानक रूप धारण कर सकती है।
वनों में आग की संभावनाओं को देखते हुए वन विभाग ने भी तैयार है। वन विभाग कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर उनको तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
वन विभाग ने आग से निपटने के लिए हर डिविजन में गाड़ियां तैनात की गई हैं, जिनमें पानी की टंकियां और पंप रखे गए हैं। ये छोटी गाड़ियां सड़कों के साथ लगने वाली आग को बुझाने के काम में लगाई जाएंगी।
शिमला वन सर्कल के तहत शिमला ग्रामीण डिविजन, चौपाल, ठियोग और रोहड़ू डिविजन में एक-एक गाड़ी तैनात की गई हैं। हालांकि शिमला अर्बन डिविजन में दो ऐसी गाड़ियां तैनात हैं।
वन विभाग की मानें तो उसकी संवेदनशील वन बीटों पर ज्यादा नजर है। शिमला सर्कल में 52 बीटें संवेदनशील है, जहां आग लगने की संभावना ज्यादा है।
इन सभी बीटों में वन विभाग की ओर से फायर वाचर तैनात किए गए हैं ताकि आग लगने पर वे तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें।
शिमला वन सर्कल में वन विभाग ने वन कर्मचारियों और वन वाचरों सहित करीब 500 कर्मचारी तैनात रखे हैं। इसके अलावा वन सुरक्षा समितियों का गठन भी गांव स्तर पर किया गया है, इसमें ग्रामीणों को जोड़ा गया।
सैटेलाइट से आग का पता लगने पर वन सुरक्षा समितियों के सदस्यों के मोबाइल पर ऑटोमैटिकली मैसेज पहुंच जाता है और ऐसे में वे लोग आग बुझाने के लिए तत्काल कदम उठा सकते हैं।
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो रेंज स्तर पर रैपिड रिस्पोंस टीमों का भी गठन किया गया। आग लगने पर ये रैपिड रिस्पोंस टीमें संबंधित क्षेत्र में पहुंचकर आग को काबू करेंगी।
सीसीएफ शिमला आरके गुप्ता कहना है कि विभाग ने गर्मियों में लगने वाली आग को लेकर पूरी तैयारियां कर रखी हैं। सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आग लगने पर इसको समय रहते बुझाया जा सके।
पूरे सर्कल में फायर वाचर सहित करीब 500 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। आग लगने पर इसको बुझाने में स्थानीय ग्रामीणों की मदद ली जाएगी।