वन विभाग ने कुल्लू से रेस्कयू किया घायल तेंदुए का बच्चा, ठीक नहीं हुआ तो पालमपुर करेंगे रैफर

हिमाचल के कुल्लू के जछणी से रेस्क्यू किए गए शावक को स्पाइनल इंजरी डिटेक्ट हुई है। शावक का उपचार कुल्लू के मोहल स्थित पशुपालन विभाग के पॉलीक्लिनिक में चल रहा है। यहां उसे इंजेक्शन के साथ-साथ अन्य उपचार दिया जा रहा

वन विभाग ने कुल्लू से रेस्कयू किया घायल तेंदुए का बच्चा, ठीक नहीं हुआ तो पालमपुर करेंगे रैफर

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू     28-02-2023

हिमाचल के कुल्लू के जछणी से रेस्क्यू किए गए शावक को स्पाइनल इंजरी डिटेक्ट हुई है। शावक का उपचार कुल्लू के मोहल स्थित पशुपालन विभाग के पॉलीक्लिनिक में चल रहा है। यहां उसे इंजेक्शन के साथ-साथ अन्य उपचार दिया जा रहा है। जबकि, मंगलवार को शावक को भुंतर के एक निजी क्लीनिक में एक्स-रे करवाने के लिए ले जाया गया। 

हालांकि एक्स-रे में किसी तरह का फ्रैक्चर नहीं पाया गया है। मोहल स्थित पशुपालन विभाग के पॉलीक्लीनिक में तैनात सीनियर वेटरनरी ऑफिसर डॉक्टर शकुंतला ने बताया कि एक्स-रे में किसी तरह का फ्रैक्चर नहीं पाया गया है, लेकिन शावक की स्पाइनल में इंजरी डिटेक्ट हुई है। जिसका उपचार चल रहा है। लिहाजा चार-पांच दिनों तक इसी पॉलीक्लीनिक में उपचार किया जाएगा। 

अगर उसके बावजूद शावक के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता है तो उसे पालमपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शावक का पिछला हिस्सा काम नहीं कर रहा है, जिसमें नसें नहीं चल पा रही हैं। डॉ. शकुंतला के अनुसार मौके पर शावक के साथ घटना कैसे पेश आई। इसका तो पता नहीं चला, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि शावक को यह चोट हिट होने से आई है। 

उनके अनुसार यह चोट गाड़ी से हिट होने या फिर हाइट से गिरने के कारण आई हो सकती हैं। वन्य प्राणी विभाग के बीओ जोगिंदर ठाकुर ने शनिवार रात को कुल्लू के जछणी के पास से इस शावक को रेस्क्यू किया था। बीओ जोगिंदर ठाकुर के अनुसार उन्हें क्षेत्र के लोगों ने फोन कर सूचना दी थी कि यहां तेंदुए का बच्चा (शावक) उन्हें घायल अवस्था में मिला है, जिसे उन्होंने पकड़कर रखा है।

लिहाजा बीओ ने मौके पर पहुंचकर उसे रेस्क्यू कर लिया और उपचार के लिए मोहल स्थित पॉलीक्लीनिक पहुंचाया। उसके बाद से यहां लगातार उसका उपचार चल रहा है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की गाहर वन्य प्राणी रेंज में जछणी के पास से शावक (तेंदुए का बच्चा) का रेस्क्यू किया गया है। 

यह शावक चल नहीं पा रहा है। उसकी पिछली टांगें और पिछला हिस्सा काम नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते उसे चलने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में वन्य प्राणी विभाग ने उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा है।