यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 13-09-2022
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अक्सर दावे किए जाते हैं की सरकार शिक्षा में गुणवत्ता ला रही है और हिमाचल प्रदेश में बेहतर शैक्षणिक ढांचा विकसित किया जा रहा है , लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार के इन तमाम दावों की पोल हिमाचल के सबसे शिक्षित जिला हमीरपुर में खुलती नजर आ रही है।
जहां राजकीय प्राथमिक पाठशाला लझयाणी में एक कमरे में 6 कक्षाएं और स्कूल का कार्यालय चल रहा है। बताते हैं कि शिक्षा खंड के तहत आने वाली प्राथमिक पाठशाला लझयाणी की हालत इतनी खस्ता है कि एक वर्ष में स्कूल की हालत को देखते हुए 14 बच्चों ने स्कूल से नाता तोड़ अन्य स्कूल में दाखिला लिया है। जानकारी के मुताबिक प्राथमिक पाठशाला लझयाणी में दो कमरे हैं एक कमरा कच्चा और दूसरा कमरा पक्का है।
पूर्व में दोनों कमरों में कक्षाएं चल रही थी , लेकिन गत दिनों स्कूल में नई मुख्य अध्यापिका ने जॉइन किया। उन्होंने कच्चे कमरे से कक्षाओं को पक्के कमरे में शिफ्ट कर दिया , क्योंकि कच्चे कमरे की हालत इतनी जर्जर है कि वह कभी भी गिर सकता है। बताते हैं कि एक कमरे में नर्सरी से लेकर के छठी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है। साथ ही स्कूल का कार्यालय भी इसी कमरे में चल रहा है।
इस बारे में यंगवार्ता न्यूज़ ने जब प्राथमिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर संजय ठाकुर से बात की तो उन्होंने कहा कि स्कूल में एक अतिरिक्त कमरा बनाने के लिए मई महीने में एक प्रपोजल हिमाचल प्रदेश सरकार को भेजी है , लेकिन अभी तक बजट नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही बजट मिलता है तो लझयाणी स्कूल में अतिरिक्त कमरे का निर्माण करवाया जाएगा।
उधर स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी स्कूल में मूलभूत सुविधाएं मुहैया न होने के चलते उन्हें मजबूरन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना पड़ता है। हाल ही में मुख्य अध्यापिका के पद पर तैनात हुई स्कूल की मुख्य अध्यापिका मनोरमा का कहना है कि उन्होंने कुछ समय पूर्व ही स्कूल जॉइन किया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को पक्के कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। साथ ही इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया है।