साल के अंतिम महीने में मांगलिक कार्य के आठ मुहूर्त, अगले साल 59 मुहूर्त
चार दिसंबर से हर ओर शहनाई की धुन सुनाई देगी। 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक खरमास के चलते अबूझ मुहूर्त को छोड़कर मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। बीते महीने नवंबर में देवउठनी ( देवोत्थान ) एकादशी के बाद से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य शुरू
यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून 02-12-2022
चार दिसंबर से हर ओर शहनाई की धुन सुनाई देगी। 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक खरमास के चलते अबूझ मुहूर्त को छोड़कर मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। बीते महीने नवंबर में देवउठनी ( देवोत्थान ) एकादशी के बाद से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य शुरू हो चुके हैं।
इस महीने की बात करें तो चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, 13 व 14 दिसंबर मांगलिक कार्य के लिए शुभ है। उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, बीते जुलाई के बाद चातुर्मास की वजह से विवाह व मांगलिक कार्य रुक गए थे।
हिंदू धार्मिक पंचांग के अनुसार देवोत्थान एकादशी के दिन से ही शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं व विवाह का लग्न भी शुरू हो जाता है। इस महीने की बात करें तो 14 दिसंबर से पहले मांगलिक कार्यों के लिए आठ दिन रहेंगे।
इसके बाद खरमास शुरू हो जाएगा, जो अगले साल 13 जनवरी तक चलेगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर खरमास का अंत होने से मांगलिक कार्य एक बार फिर शुरू हो जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक वर्ष में कुल पांच स्वयं में सिद्ध मुहूर्त होते हैं।
इन पांच दिनों में मुहूर्त न होते हुए भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि किए जा सकते हैं। क्योंकि ये अपने आप में सिद्ध मुहूर्त हैं। फुलेरा दूज, देवउठनी एकादशी, बसंत पंचमी, विजयादशमी और अक्षय तृतीया सिद्ध मुहूर्त हैं।
हिन्दी पंचांग के अनुसार साल 2023 में विवाह के कुल 59 शुभ मुहूर्त हैं। इनमें जनवरी में 09, फरवरी में 13, मई में 14, जून में 11, नवंबर में 05 और दिसंबर में 07 विवाह मुहूर्त हैं। इसमें विवाह करना शुभ एवं कल्याणकारी रहेगा।