सेवादार के सहारे जर्जर भवन में चल रही आयुर्वेद डिस्पेंसरी विभाग नहीं ले रहा सुध

राजगढ़ ब्लाॅक के रासूमांदर की  अंतिम छोर की  पंचायत भुज्जल  की  आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी सेवादार   के सहारे चल रही है । आलम यह है कि इस औषधालय में चिकित्सक व फार्मासिस्ट के पद बीते कई वर्षोंे से  रिक्त

सेवादार के सहारे जर्जर भवन में चल रही आयुर्वेद डिस्पेंसरी विभाग नहीं ले रहा सुध

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़   27-02-2022

राजगढ़ ब्लाॅक के रासूमांदर की  अंतिम छोर की  पंचायत भुज्जल  की  आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी सेवादार   के सहारे चल रही है । आलम यह है कि इस औषधालय में चिकित्सक व फार्मासिस्ट के पद बीते कई वर्षोंे से  रिक्त चल रहे हैं  । 

दूसरी ओर औषधालय भवन की हालत बहुत दयनीय हो चुकी है । कर्मचारी असुरक्षित भवन में सेवाएं देने को मजबूर है । चिकित्सक सहित अन्य पैरा मैडिकल स्टाॅफ न होने कारण क्षेत्र के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं मिल पा रही है । 

बरसात में पानी और नमी के कारण डिस्पेंसरी का सारा सामान और दवाऐं खराब हो जाती है। पंचायत के लोगों को अपना उपचार करवाने के लिए शिमला अथवा सोलन जाना पड़ता है जिसके एवज में लोगों को  भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ती है ।  जिससे सरकार के बेहतरीन व गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं  ।

यहीं नहीं रासूमांदर क्षेत्र के दो अन्य  आयुर्वेद संस्थान  ज्ञानकोट और देवठी मझगांव  में कोई भी चिकित्सक नहीं हैं । आलम यह है कि यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा भी इन संस्थानों में उपलब्ध नहीं है । बीते वर्ष 12 सितंबर को कोटी पधोग में जनमंच के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डाॅ0 राजीव सैजल आए थे । 

क्षेत्र की जनता द्वारा आयुर्वेद संस्थानों की हालत बारे स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया गया था इसके बावजूद भी किसी आयुर्वेद संस्थान में डाॅक्टर का पद नहीं भरा गया है । आलम यह है कि रासूमांदर के किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में डायग्नोस्टिक लैब टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है जबकि पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त लैब सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है । 

सरकार की इस सुविधा का लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है ।  जिला आयुर्वेेद अधिकारी नाहन  डाॅ0 राजेन्द्र देव ने बताया कि चिकित्सकों के पदों को भरना सरकार का विशेषाधिकार है जिसके लिए इस कार्यालय से हर माह  लिखित रूप में रिक्त पदों की सूची भेजी जाती है।