हिमाचल प्रदेश के सात निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की पात्रता की होगी जांच  

हिमाचल प्रदेश के सात निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की पात्रता की जांच शुरू हो गई है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने इसके लिए तीन सदस्नीय कमेटी गठित

हिमाचल प्रदेश के सात निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की पात्रता की होगी जांच  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     22-02-2023

हिमाचल प्रदेश के सात निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की पात्रता की जांच शुरू हो गई है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने इसके लिए तीन सदस्नीय कमेटी गठित कर दी है। 

जांच में देखा जाएगा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के तहत हुई है या नहीं। इसके इसके अलावा कुलपतियों के आवश्यक शैक्षणिक योग्यता की भी जांच की जाएगी। दो वर्ष पूर्व आयोग की जांच के बाद 16 में से 11 कुलपतियों ने पद छोड़ दिए थे। 

निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की शैक्षिक योग्यता को जांचने के बाद आयोग की ओर से विश्वविद्यालय प्रबंधन को नोटिस जारी किए गए थे। कुछ विश्व विद्यालयों के कुलपतियों ने जांच पूरी होने से पहले ही अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था जबकि कुछ विश्वविद्यालयों ने आयोग के नोटिस के बाद कुलपतियों को हटाया।   

दो वर्ष पूर्व हटे कुलपतियों की जगह नई नियुक्तियां हो चुकी हैं। ऐसे में आयोग ने इन कुलपतियों की भी शैक्षणिक योग्यता को जांचने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की ओर से तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। 

कमेटी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग आगामी कार्रवाई करेगा। नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इस जांच को किया जा रहा है। जांच कमेटी में शिक्षाविद् चमन लाल और डीडी शर्मा को शामिल किया गया है।

नियमों के तहत कुलपति की नियुक्ति के लिए पीएचडी, 10 साल तक पढ़ाने का अनुभव, रिसर्च पेपर प्रकाशित होने चाहिए। कुलपति की नियुक्ति के लिए तीन सदस्यीय चयन समिति होती है।