हिमाचल प्रदेश में टेट की सात साल की अनिवार्यताहटेगी या नहीं मंत्रिमंडल लेगा फैसला
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 02-12-2020
हिमाचल में हर साल बीएड और जेबीटी करने वालों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। उन्हें केवल एक ही बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास करनी होगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के इस नियम को हिमाचल में लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है।
सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने शिक्षा विभाग को इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। विभाग से प्रस्ताव आने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।
करीब दो माह पहले एनसीटीई ने अपनी बैठक में सिर्फ एक बार टेट करने का निर्णय लिया था। एनसीटीई के इस निर्णय को नवोदय, केंद्रीय विद्यालयों में लागू कर दिया गया है। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने कहा कि केंद्र की ओर से अधिकारिक पत्र आ चुका है। विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
सरकारी व निजी स्कूल में शिक्षक बनने के लिए टेट अनिवार्य है। अभी तक टेट की मियाद सात साल है, यानी सात साल के भीतर यदि नौकरी न मिले तो दोबारा टेट देना पड़ता है। प्रदेश में हर साल 50 हजार से ज्यादा बेरोजगार टेट देते हैं।