हिमाचल में भूमिगत पानी में सामान्य से चार गुना अधिक यूरेनियम, अंडरग्राउंड वाटर सैंपलिंग के सर्वे में हुआ खुलासा
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 02-01-2021
हिमाचल प्रदेश में यूरेनियम के भंडार की प्रबल संभावना है। यहां के भूमिगत पानी में सामान्य से चार गुना अधिक यूरेनियम पाया गया है।
इसका खुलासा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के विशेषज्ञों ने अंडरग्राउंड वाटर सैंपलिंग के एक सर्वे में किया है। इन चिन्हित क्षेत्रों से पानी के सैंपल एक बार फिर लिए जा चुके हैं।
अब दूसरे चरण के इन्हीं क्षेत्रों के सैंपल आगामी परीक्षण के लिए परमाणु विज्ञान अनुसंधान बोर्ड (बीआरएनएस) को भेजे जाएंगे। बता दें कि बीआरएनएस ने आईआईटी मंडी को इस कार्य के लिए 87 लाख के तीन प्रोजेक्ट सौंपे हैं।
इसमें विशेषज्ञ यूरेनियम की तलाश के साथ पेयजल गुणवत्ता भी जांचेगे। स्कूल ऑफ बेसिक साइंस व स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ इस अभियान में जुटे हैं।
प्रथम चरण में पूरे प्रदेश की डिजिटल मैपिंग की गई। द्तिीय चरण में सतही व भूमिगत जल के सैंपल भरे गए, जिसमें यूरेनियम सामान्य से चार गुना अधिक पाया गया है।
सहायक प्रोफेसर एवं प्रधान शोधकर्ता, आईआईटी मंडी डॉ सुब्रत घोष ने बताया कि पानी के सैंपल परीक्षण के लिए बीआरएनएस भेजे जाएंगे। जिन भूमिगत क्षेत्रों में चार गुना यूरेनियम की मात्रा अधिक पाई गई थी, उनका एक लाट तैयार था, लेकिन कोविड के कारण वह भेजा नहीं गया।
अब दूसरा लाट चिहिन्त सैंपलिंग के बाद बीआरएनएस में भेजा जाएगा। दस दिन के भीतर सैंपल की बीआरएनएस में जांच होना जरूरी है। वहीं अशुद्ध पानी को लेकर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
बता दें कि भारत अब भी यूरेनियम के लिए कजाकिस्तान, आस्ट्रेलिया व अन्य देशों पर निर्भर है। इससे परमाणु संयंत्रों को स्थापित करने या पहले से स्थापित संयंत्रों का विस्तार करने में यूरेनियम की कमी आड़े आ रही है। साथ ही परमाणु हथियार विकसित करने में भी दिक्कतें आ रही हैं।
पानी की जांच के लिए ऊना, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, शिमला और किन्नौर को चुना गया था।
पानी में यूरेनियम की मात्रा का पता लगाने के लिए आईआईटी प्रबंधन ने लाखों रुपये से दो मशीनें खरीदी हैं। यूरेनियम के साथ इन मशीनों से पानी में मौजूद हल्की सी अशुद्धि का भी पता चल जाएगा।