हिमाचल में होगा 3425 करोड़ का निवेश, दो दर्जन से ज्यादा उद्योगपतियों के एमओयू होंगे साइन 

हिमाचल में होगा 3425 करोड़ का निवेश, दो दर्जन से ज्यादा उद्योगपतियों के एमओयू होंगे साइन 

यंगवर्ता न्यूज़ - शिमला  05-09-2021

कोरोना काल में गिरे निवेश को रफ्तार मिलने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार उद्योगपतियों के साथ रविवार को बड़े समझौते करने जा रही है।

चंडीगढ़ में करीब दो दर्जन से ज्यादा कंपनियों के साथ एमओयू होंगे, जिससे हिमाचल प्रदेश में 3425 करोड़ रुपए तक का निवेश संभावित है। 

सूत्रों के अनुसार चंडीगढ़ में किए जाने वाले एमओयू के लिए शिमला से उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान, निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति व अतिरिक्त निदेशक तिलक राज समेत कई दूसरे अधिकारी गए हैं।

 जानकारी के अनुसार इथेनॉल प्लांट लगाने वाली पांच कंपनियों के साथ यहां पर करार किया जा रहा है। इसमें चंडीगढ़ डिस्टिलरी, आरएसए प्राइवेट लिमिटेड, ऊर्जाशील, एमजी पैट्रोकैम, जेबीआर टेक्नोलॉजी व गर्ग पैट्रोकैम कंपनियां हैं जिनके साथ करार किए जाएंगे। 

इनके अलावा ऑटो इक्यूपमेंट की एसप्री स्प्रिंगस, विशाल पेपर मिल, मेटाफिजीकल हैल्थकेयर, बैटर टूमॉरो इन्फ्रास्ट्रक्चर, विंडसोर इंडस्ट्रीज, हाईटैक इंडस्ट्रीज, रीगल किचन, अभिमन्यू गुु्रप, हिमालयन गु्रप, माधव एग्रो, टाइनोर ऑर्थेटिक्स, इनोवा कैपटैब, पिटारा टीवी, जोशी ऑडियो व राज मोटरर्ज समेत कुछ दूसरी कंपनियों के प्रस्ताव सरकार के पास हैं। 

करीब 3425 करोड़ रुपए का इनमें प्रस्तावित है जिनके लिए उद्योग विभाग और कंपनियों के बीच एमओयू होंगे। चंडीगढ़ में ये कार्यक्रम रखा गया है।

प्रदेश में निवेश के लिए दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी होनी है और माना जा रहा है कि इन कंपनियों के साथ एमओयू के बाद इनको जमीन आदि की औपचारिकताएं पूरी कर उसमें एनओसी दे दिया जाएगा।

यहां 14 हजार करोड़ रुपए के नए निवेश के लिए दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की जानी है जो अक्तूबर महीने में प्रस्तावित है।

कोरोना की वजह से हिमाचल में औद्योगिक निवेश की रफ्तार रुक गई थी, जिसे गति मिलेगी। लंबे समय के बाद इतने बड़े निवेश के लिए हिमाचल में उद्योगपति एमओयू करने जा रहे हैं, जिससे तय है कि आने वाले दिनों में यहां औद्योगिक निवेश बढ़ेगा। 

अब सरकार पर निर्भर करता है कि वह कितनी रियायतें देती है और कितनी जल्दी यहां पर निवेश जमीन पर उतरता है। इसके लिए यहां लैंड बैंक भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।