कोरोना संकट के बीच प्रदेश के 62 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-08-2020
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले 4.37 लाख यानी 62 फीसदी अभिभावक अभी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं। चार से सात अगस्त तक प्रदेश के 48 हजार शिक्षकों की ई-पीटीएम के माध्यम से 7.05 लाख अभिभावकों से चर्चा के बाद तैयार की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
2.67 अभिभावक कम संख्या वाले स्कूलों को एहतियात बरतते हुए खोलने के पक्ष में हैं। कुछ अभिभावकों ने स्कूलों को सुबह-शाम की शिफ्ट में खोलने और दसवीं व जमा दो कक्षा की बोर्ड कक्षाओं को पहले खोलने को लेकर भी सुझाव दिए हैं।
प्रदेश के 98 फीसदी शिक्षा ब्लॉकों के स्कूलों में ई पीटीएम हुईं। 88 फीसदी अभिभावकों ने भविष्य में भी ई पीटीएम को जारी रखने की राय दी है। कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में लगभग पांच महीने से अधिक समय से स्कूल बंद हैं।
सरकार ने अभिभावकों और शिक्षकों के बीच सकारात्मक संवाद शुरू करने को चार से सात अगस्त तक राज्य में ई पीटीएम करवाईं। ई पीटीएम के तहत माता-पिता को हर घर पाठशाला और ज्ञानशाला पहल के बारे में जागरूक किया गया।
छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा, बच्चों की शिक्षा के बारे में माता-पिता के सवालों और चिंताओं को दूर करने और स्कूलों को फिर से खोलने के संबंध में चर्चा की गई।
चार दिन में प्रदेश भर के 98 फीसदी ब्लॉकों की सक्रिय भागीदारी के साथ 48 हजार शिक्षकों के माध्यम से 7.05 लाख से अधिक छात्रों के माता-पिता के साथ संवाद किया गया।
रिपोर्ट के तहत बताया गया कि 80 फीसदी माता-पिता ने बताया कि वे अध्ययन सामग्री को हर घर पाठशाला कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में उपयोगी पा रहे हैं।
92 फीसदी माता-पिता ने ई पीटीएम को उनके और उनके बच्चों के लिए उपयोगी पाया। उनमें से 88 फीसदी ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के ई पीटीएम का आयोजन होना चाहिए।
समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने राज्य में ई पीटीएम की सफलता का श्रेय शिक्षा से जुड़े सभी अधिकारियों, शिक्षकों और अभिभावकों को दिया। कहा कि शिक्षा के उद्देश्य के लिए सभी के निरंतर प्रयास और समर्पण के साथ हम अभिभावकों और शिक्षकों के बीच की खाई को पाटने में सक्षम होंगे।
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को और मजबूत तरीके से जारी रखने के लिए एक नया चैनल शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है।
समग्र शिक्षा अभियान राज्य परियोजना कार्यालय इस चैनल को लेकर एक निजी कंपनी के साथ काम कर रहा है। 10 से 15 दिनों के भीतर इस चैनल को शुरू किया जा सकता है।