खतरे में हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक रेणुका झील का अस्तित्व, सिकुड़ रहा झील का आकार

प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील रेणुका जी का अस्तित्व खतरे में है झील का आकार लगातार सिकुड़ता जा रहा है । हैरानी इस बात पर भी है कि इस तरफ ना तो स्थानीय प्रशासन और ना ही सरकार गंभीर नजर आ रही

खतरे में हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक रेणुका झील का अस्तित्व, सिकुड़ रहा झील का आकार

झील में लगातार बढ़ रही ही गाद, धार्मिक आस्था से जुड़ी है रेणुका झील

यंगवार्ता न्यूज़ - श्रीरेणुकाजी     11-02-2023

प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील रेणुका जी का अस्तित्व खतरे में है झील का आकार लगातार सिकुड़ता जा रहा है । हैरानी इस बात पर भी है कि इस तरफ ना तो स्थानीय प्रशासन और ना ही सरकार गंभीर नजर आ रही है।

 पिछले कुछ सालों से रेणुका झील में गाद लगातार बढ़ रही है जिससे झील का आकार कम होता जा रहा है। वही झील के एक हिस्से को अज्ञात घास ने भी चपेट में ले लिया है ।स्थानीय लोगों का कहना है कि इसे लेकर ना तो सरकार और ना ही स्थानीय प्रशासन गंभीर है। 

लोगो का कहना है की झील की अनदेखी से धार्मिक आस्थाओ के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। इस बारे में पूर्व विधायक व इतिहासकार कवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि झील का आकार कम होना चिंतनीय विषय है और इसकी मुख्य वजह इसमें लगातार बढ़ रही गाद का होना है। 

उन्होंने कहा कि झील में कमल के फूल के बीज डाले गए जिससे और गलत असर यहां पर पड़ा है हालांकि इस कमल के फूल को निकालने के प्रयास से यहां पर किए गए मगर इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। 

निश्चित तौर पर आस्था की प्रतीक रेणुका जी झील अस्तित्व खतरे में है और इस बारे में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यहां नदी झील की सफाई करने की आवश्यकता है।

मौजूदा समय में रेणुका झील की हालत दयनीय है अगर इस और जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन भी दूर नहीं जब प्रदेश की सबसे बड़ी झील होने का तमगा प्राप्त यह झील अपना अस्तित्व खो देगी।