खुले में डाला जा रहा मशरूम फैक्ट्री का रसायनयुक्त जहरीला पानी , लोगों का जीना हुआ दूभर 

हिमालयन इंटरनेशनल फूड लिमिटेड मशरूम फैक्ट्री शुभखेड़ा पांवटा साहिब का लापरवाही का मामला सामने आया है। मशरूम फैक्ट्री द्वारा खुले में दूषित कैमिकल युक्त पानी छोड़कर आसपास के वातावरण को दूषित किया जा रहा है

खुले में डाला जा रहा मशरूम फैक्ट्री का रसायनयुक्त जहरीला पानी , लोगों का जीना हुआ दूभर 

 

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  25-07-2022

 

हिमालयन इंटरनेशनल फूड लिमिटेड मशरूम फैक्ट्री शुभखेड़ा पांवटा साहिब का लापरवाही का मामला सामने आया है। मशरूम फैक्ट्री द्वारा खुले में दूषित कैमिकल युक्त पानी छोड़कर आसपास के वातावरण को दूषित किया जा रहा है। प्रेस को जारी बयान में  स्थानीय निवासी नरेश चौधरी ने कहा कि सूर्या कॉलोनी वार्ड नंबर 6 में स्थित हिमालय इंटरनेशनल फूड लिमिटेड कंपनी काफी लंबे अरसे से यहां पर कार्य कर रही है। 

 

लेकिन नियमो को टाक पर रख कर कम्पनी द्वारा रसायनयुक्त दुर्गन्ध वाला पानी खुले में छोड़ा जा रहा है। मशरूम फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी के स्टोरेज टैंक को खुले में छोड़ देती है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट काफी लम्बे समय से बंद होने पर कंपनी इस तरह का कार्य जोरों शोरों पर कर रही है। पर्यावरण को दूषित करने में इस कंपनी का अहम रोल रहता है। 

 

इस बारे में शिकायतकर्ता का ये भी कहना है कि हिमालयन इंटरनेशनल फूड लिमिटेड मशरूम फैक्ट्री शुभखेड़ा की शिकायत प्रार्थी ने क्षेत्रीय अधिकारी हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड पांवटा साहिब को दी थी। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कंपनी को नोटिस जारी कर दिया था। बावजूद इसके भी कंपनी ने कोई सुधार नहीं किया। 

 

नरेश चौधरी ने बताया कि कंपनी द्वारा गंदा पानी उनके रिहायशी मकानों के साथ लगते खेतों में इकट्ठा हो रहा है। जिससे बीमारियों के फैलने का अंदेशा बना हुआ है। जहरीले मच्छर अक्सर यहां पर पनप रहे हैं। यहां तक की सांस लेने में भी समस्या उत्पन्न हो रही है। शिकायतकर्ता ने कई मर्तबा कंपनी के मालिक को फोन के माध्यम से इस पूरे घटनाक्रम की फोटो व वीडियो साझा की। 

 

परंतु अभी तक भी रसायन युक्त पानी खुलेआम हिमालयन इंटरनेशनल फूड लिमिटेड मशरूम फैक्ट्री शुभखेड़ा द्वारा छोड़ा जा रहे हैं। नरेश चौधरी ने प्रशासन से आग्रह किया है कि उक्त फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। अन्यथा उन्हें मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।