यंगवार्ता न्यूज़ - चंडीगढ़ 31-07-2021
सरकार ने गौ रक्षा के लिए एक कदम और बढ़ा दिया है। अब हर जिले में काऊ टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस बारे में नवंबर 2020 में फैसला लिया गया था। अब इस फैसले का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब टास्क फोर्स का गठन शुरू कर दिया जाएगा।
इसके तहत जिला स्तर पर 11 सदस्यीय स्पेशल काऊ टास्क फोर्स बनाई जाएगी। इस टास्क फोर्स में सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे, जिनमें पुलिस, पशुपालन, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी, गौ-सेवा आयोग, गौ-रक्षक समितियों के सदस्य और 5 गौ-सेवक शामिल होंगे।
टास्क फोर्स बनाने का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में मुखबिरों और उनके खुफिया नेटवर्क के माध्यम से मवेशियों की तस्करी और गोकशी के बारे में जानकारी जुटाना और मुखबिरों से मिली जानकारी के बाद अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करना है। टास्क फोर्स से पहले हरियाणा सरकार गौ-संवर्धन एक्ट भी लागू कर चुकी है।
इसके तहत गौ-तस्करी के मामले में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। हरियाणा गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विद्यासागर बाघला ने बताया कि राज्य स्तर पर ये टास्क फोर्स गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग के नेतृत्व में काम करेंगी। जिला स्तर पर इस टास्क फोर्स के प्रमुख डीसी होंगे।
जिला स्तर पर इस टास्क फोर्स के सदस्यों में एसपी, एडीसी और पशुपालन विभाग के उपनिदेशक शामिल रहेंगे। इस टास्क फोर्स का मुख्य काम बेसहारा गायों की देखरेख करना, उन्हें गौशाला तक पहुंचाना और गौवंश की तस्करी को रोकना होगा। प्रदेश में मनोहर सरकार ने गौवंश की तस्करी रोकने के लिए गौ-संवर्धन एक्ट बना रखा है। गौ तस्करों को पकड़ने और गौवंश की तस्करी रोकने के लिए ये टास्क फोर्स अलग-अलग योजनाएं बनाकर काम करेगी।
बाघला ने बताया कि हरियाणा में भाजपा सरकार के शासनकाल में कई गौ-अभ्यारण्य बनाए गए हैं और जरूरत के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रदेश में गौसेवा आयोग के गठन के बाद सड़कों पर घूमने वाले 2 लाख से ज्यादा गौवंश को गौशालाओं में पहुंचाया जा चुका है।
गौवंश को गौशाला पहुंचाने का काम लगातार चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा। हरियाणा में साउथ रेंज रेवाड़ी के आईजी विकास अरोड़ा का कहना है कि उन्हें टास्क फोर्स की जानकारी तो नहीं है मगर पुलिस महकमे ने साउथ हरियाणा के चारों जिलों- रेवाड़ी, नारनौल, नूहं और पलवल-में गौरक्षा के लिए टीमें बना रखी हैं। हर जिले में इस टीम का इंचार्ज इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर रैंक के अफसर बनाया गया है। इन टीमों का काम गौ-तस्करों का पकड़ना है।