दसवीं कक्षा के फर्जी सर्टिफिकेट से युवक बना डाक सेवक, सस्पेंड
मंडी जिले के सरकाघाट के रहने वाले आरोपी मनीष कुमार पुत्र सोहन लाल ने झारखंड अकादमिक काउंसिल शिक्षण संस्थान ज्ञानदीप कैंपस के नाम से दसवीं का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-01-2023
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अब फर्जी सर्टिफिकेट से डाक विभाग में नौकरी पाने का मामला उजागर हुआ है। मंडी जिले के सरकाघाट के रहने वाले आरोपी मनीष कुमार पुत्र सोहन लाल ने झारखंड अकादमिक काउंसिल शिक्षण संस्थान ज्ञानदीप कैंपस के नाम से दसवीं का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया।
600 में 573 अंकों वाली मार्क्सशीट भी तैयार कर ली। इसी मार्क्सशीट से मेरिट के आधार पर उसने घणाहट्टी स्थित देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी हासिल कर ली।विभाग ने जब दस्तावेज सत्यता जांच के लिए झारखंड के शिक्षण संस्थान को भेजे तो वहां मनीष का सर्टिफिकेट पंजीकृत ही नहीं था।
मामला सामने आने के बाद डाक विभाग ने तत्काल प्रभाव से युवक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। मंगलवार को शिमला डाक मंडल के अधीक्षक ने इसकी शिकायत सदर पुलिस थाना में भी कर दी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। आरोपी दो माह तक नौकरी करता रहा।
एएसपी सुनील नेगी ने बताया कि डाक विभाग ने शिमला मंडल के तहत घणाहट्टी स्थित देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक के चयन के लिए 157 उम्मीदवार आमंत्रित किए थे। मनीष का चयन योग्यता के आधार पर हो गया था।
उसने 9 सिंतबर, 2022 को अस्थायी तौर पर कार्यभार ग्रहण किया। इससे पहले विभाग ने प्रमाण पत्र सत्यता जांचने के लिए शिक्षण संस्थान को भेजे थे, जो जांच में फर्जी पाए गए। इसके बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया।