पीक लोड ऑवर में नहीं चलेंगे जल शक्ति विभाग के पम्पहाउस , बिजली बोर्ड ने जारी किये आदेश  

पीक लोड ऑवर में नहीं चलेंगे जल शक्ति विभाग के पम्पहाउस , बिजली बोर्ड ने जारी किये आदेश  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-11-2020


पीक लोड ऑवर में पानी की पंपिंग को लेकर बिजली बोर्ड ने सख्ती दिखाई है। दिन में ऐसे कुछ घंटे होते हैं जब बिजली का इस्तेमाल पंपिंग में किया जाए तो इसका नुकसान होता है। ऐसे में बिजली बोर्ड ने दिशा निर्देश दिए हैं कि दिन के उन घंटों में पंपिंग नहीं होनी चाहिए वरना इसपर कार्रवाई की जाएगी।

बिजली बोर्ड के दिशा-निर्देशों पर जल शक्ति विभाग ने अपने कर्मचारियों को पीक लोड ऑवर के दौरान पानी लिफ्ट करने वाली पंपिंग मशीनों को न चलाने के निर्देश दिए है। विभाग के प्रमुख अभियंता ने बर्फबारी से पहले सभी जोन के मुख्य अभियंताओं को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाने को कहा है। पीक लोड ऑवर में पंपिंग मशीनें चलाने से बिजली का बिल दोगुना हो जाता है। राज्य विद्युत बोर्ड के पीक लोड ऑवर प्रोटोकॉल के अनुसार पीक हॉवर में पंपिंग मशीनें चलाने पर रोक रहती है।

पीक लोड के दौरान पंपिंग मशीनें चलाने से बिजली की खपत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इससे बिजली बोर्ड को कई बार मजबूरन विद्युत कट लगाने पड़ते हंै। बिजली बोर्ड के प्रोटोकॉल के मुताबिक नवंबर से मार्च महीने के बीच शाम 6:30 से 9:30 बजे तक कोई भी पंपिंग स्टेशन नहीं चलाया जा सकता।

इसी तरह गर्मियों में अप्रैल से अक्टूबर तक शाम 7:00 से रात 10:00 बजे तक किसी भी पंप हाउस को चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जल शक्ति विभाग के कुछ अधिकारी इस प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते। इससे जल शक्ति विभाग को पैनल्टी के तौर पर बिजली बिल की दोगुना राशि चुकानी पड़ती है। अब ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभाग कार्रवाई अमल में लाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में जल शक्ति विभाग की सैकड़ों पेयजल योजनाएं ऐसी हैं जो बिजली के माध्यम से चलती है। इन भारी भरकम मशीनों को चलाने के लिए बिजली की जरूरत रहती है। यही वजह है कि जल शक्ति विभाग हर साल 400 करोड़ से अधिक की राशि बिजली बिल के तौर पर राज्य विद्युत बोर्ड को चुकाता है। यंगवार्ता को जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता नवीन पुरी ने बताया कि पीक लोड ऑवर में पंपिंग मशीन चलाने से बिजली बिल बहुत ज्यादा हो जाता है।

इसे देखते हुए बिजली बोर्ड के पीक लोड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। जल शक्ति विभाग अब सौर ऊर्जा से चलने वाले पंङ्क्षपंग स्टेशन को लेकर भी काम कर रहा है जो आने वाले समय में उसके लिए फायदेमंद होंगे। फिलहाल तो बिजली से ही यह पंपिंग मशीनें चल रही हैं मगर इसका भी समय निर्धारित है।