तपोवन विधानसभा में सरकार को बनाया बंधक , प्रदर्शनकारियों ने रोके रास्ते
सीएम ने की बात, सवर्ण आयोग की घोषणा करने पर अड़े प्रदर्शनकारी, स्थिति तनावपूर्ण
सीएम ने की बात, सवर्ण आयोग की घोषणा करने पर अड़े प्रदर्शनकारी, स्थिति तनावपूर्ण
यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 10-12-2021
शीतकालीन राजधानी धर्मशाला के तपोवन में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब सवर्ण आयोग की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी बेरिकेट्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पत्थराव भी किया जिसमे कई गाड़ियों के शीशे टूट गए।
सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर विधानसभा परिसर तपोवन से करीब एक किलोमीटर पीछे जोरावर स्टेडियम में प्रदेशभर से सैकड़ों लोग एकत्रित हुए। विधानसभा परिसर का घेराव करने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और तपोवन विधानसभा परिसर के बाहर पहुंच गए।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा परिसर के भीतर घुसने की कोशिश की। अग्निशमन विभाग की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछार कर दी। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसमें कुछ लोग घायल हो गए हैं। डीजीपी और डीसी की गाड़ियों का भी घेराव कर लिया गया। डीजीपी संजय कुंडू और डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल कुछ देर के लिए भीड़ के बीच फंसे रहे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदर्शनकारियों से बात की , लेकिन वे सवर्ण आयोग की घोषणा पर अड़े रहे। सीएम ने बजट सत्र का वक्त मांगा लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। विधानसभा में पूरी सरकार के बंधक बनाने जैसे हालात हैं। विधानसभा से बाहर जाने वाला एक ही रास्ता है जो प्रदर्शनकारियों के कब्जे में है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सिर्फ मध्य प्रदेश में सवर्ण आयोग है। सरकार ने प्रदेश में गठन के आयोग को स्वीकार किया है। बजट सत्र में एक्ट का प्रावधान करके सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों के पथराव में एएसपी की गाड़ी और एंबुलेंस के शीशे टूट गए।
फिलहाल मौके पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। दोनों तरफ टकराव की स्थिति बन गई है। करीब दस हजार प्रदर्शनकारी विधानसभा परिसर के बाहर जुटे हुए हैं। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे , लेकिन बात नहीं बनी। इससे पहले पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को जोरावर स्टेडियम से आगे नहीं जाने दिया।
सवर्ण समाज ने मांग रखी कि जब तक प्रदेश सरकार सवर्ण आयोग का गठन नहीं करेगी, तब तक वे यहीं पर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा उन्होंने हर की पौड़ी हरिद्वार से लाए गंगाजल से प्रदेश के सभी विधायकों का शुद्धिकरण करने की बात कही।
सवर्ण समाज के लोग इस बात पर अड़े रहे कि या तो वे विधानसभा में जाकर सभी विधायकों का शुद्धिकरण करेंगे या फिर मुख्यमंत्री सहित सभी विधायकों को जोरावर स्टेडियम में शुद्धिकरण के लिए आना होगा। ऐसा न करने की स्थिति में उन्होंने जोरावर स्टेडियम से धरना प्रदर्शन को बंद नहीं करने की चेतावनी दी।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर और देवभूमि स्वर्ण मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल ठाकुर ने कहा कि आज तक सभी राजनीतिक दलों ने सवर्ण समाज के साथ छल कपट और भेदभाव की राजनीति ही की है। जातिगत आरक्षण को जल्द खत्म किया जाना चाहिए।
सरकार आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करे। उन्होंने कहा कि 2018 से उन्होंने सवर्ण हितों की लड़ाई शुरू की है। यह हक मिलने तक जारी रहेगी। नेताओं को तभी वोट मिलेगा, जब वे सवर्ण समाज के हितों का सम्मान करेंगे। हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन की मांग पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण मोर्चा ने सरकार के खिलाफ नवंबर में 800 किलोमीटर की पदयात्रा की थी।