स्कूलों में प्रार्थना सभाएं तथा आंगनबाड़ी केंद्रों को पुनः खोला जाए : सरैक  

स्कूलों में प्रार्थना सभाएं आरंभ की जाए ताकि विद्यार्थी अपनी दिनचर्या में पूर्व की भांति ढल सके ।

स्कूलों में प्रार्थना सभाएं तथा आंगनबाड़ी केंद्रों को पुनः खोला जाए : सरैक  
सेवानिवृत सहायक जिला शारीरिक अधिकारी रमेश सरैक

यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़  10-12-2021

 स्कूलों में प्रार्थना सभाएं आरंभ की जाए ताकि विद्यार्थी अपनी दिनचर्या में पूर्व की भांति ढल सके । यह बात सेवानिवृत सहायक जिला शारीरिक अधिकारी रमेश सरैक ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कही ।
 
सरैक ने कहा कि राजनीतिक रैलियों व विवाह इत्यादि सामाजिक समारोह खुले तौर पर हो रहे हैं तो स्कूलों पर इतनी पाबंदी क्यों लगाई गई है । सबसे अहम बात यह है कि सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों द्वारा न ही मास्क पहने होते हैं और  समाजिक दूरी रखने का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता है ।
 
इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों को भी खोला जाना चाहिए । ताकि बच्चों को पूर्व स्कूल शिक्षा व संतुलित आहार मिल सके । बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में अब काफी कम बच्चे रह गए है जिनसे कोरोना संक्रमण फैलने की कोई संभावना नहीं हो सकती है ।
 
एसओपी के तहत आंगनबाड़ी केंद्रो को भी खोला जाना चाहिए।  सरैक ने बताया  कि स्कूलों में बच्चों की सीमित संख्या है जिनका अध्यापकों द्वारा पूरा ध्यान रखा जा रहा है । सभी बच्चों की प्रातः थर्मल स्क्रिनिंग की जाती है । बच्चों के बैठने की व्यवस्था कोविड नियमों के अनुसार की गई है ।
 
इसके बावजूद भी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है जो कि तर्कसंगत नहीं है। इनका कहना है कि प्रार्थना सभा से बच्चों की दिनचर्या आरंभ होती है और इस दौरान बच्चों को सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों की भी जानकारी तथा ज्ञानवर्धक विषय भी बताए जाते हैं।
 
सरैक का कहना है कि कोरोना संक्रमण स्कूलों से नहीं बल्कि समाजिक एवं राजनैतिक कार्यक्रमों में उमड़ी भीड़ से फैल रहा है जहां पर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती है ।
 
सरकार के उच्च पदों पर बैठे राजनीतिज्ञों द्वारा ही सबसे ज्यादा कोविड नियमों की अनुपालना नहीं की जा रही है। सरैक ने सरकार से मांग की है कि बच्चों के भविष्य को मध्यनजर रखते हुए  स्कूलों में प्रार्थना सभाएं और आंगनबाड़ी केंद्रों को पुनः आरंभ की जाए।