यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 18-03-2022
हिमाचल सरकार ने इस साल लोन की प्राधिकृत सीमा को इस तरह इस्तेमाल किया है कि 4000 करोड़ का लोन अब राज्य सरकार ले ही नहीं रही है। इस साल के लिए अभी करीब 5400 करोड़ लोन की लिमिट बची थी और अब तक 4000 करोड़ का लोन ही लिया गया था। भारत सरकार से तय हुई लिमिट के अनुसार इस साल 9400 करोड़ लोन हिमाचल ले सकता था लेकिन अब 31 मार्च से पहले खत्म हो रहे वित्त वर्ष में सिर्फ 1400 करोड़ लोन लेने का फैसला हुआ है।
इस बारे में वित्त विभाग ने ऑक्शन नोटिस जारी कर दिया है और अगले सप्ताह यह पैसा राज्य के कोषागार में आ जाएगा। हालांकि इस बार लिए जा रहे लोन में ग्रीन शू ऑक्शन का विकल्प लिया गया है। इसका अर्थ यह होता है कि यदि ब्याज दर कम पड़े तो राज्य सरकार 1400 करोड़ से थोड़ा ऊपर भी जा सकती है। इससे पहले राज्य सरकार ने जनवरी महीने में 1000 करोड़ का लोन लेने का फैसला किया था , लेकिन ब्याज दर ज्यादा होने के कारण उसे ऑक्शन के दिन ड्रॉप कर दिया गया था। इसी कारण 5400 करोड़ की लोन लिमिट अभी राज्य की बची हुई थी।
इस साल हिमाचल सरकार ने पहली दो तिमाहियों में बहुत कम लोन लिया है और इसका मकसद यह था कि नए पे.कमीशन के कारण बनने वाली देनदारी तक लोन लिमिट को इस्तेमाल न किया जाए। उधर पे-कमीशन की विसंगतियां दूर न होने के कारण अब भी 30 फीसदी कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने विकल्प ही नहीं दिया है। इनके लिए 31 मार्च तक का इंतजार अभी विकल्प के लिए है। इसलिए नए वेतनमान के हिसाब से सैलरी अप्रैल में बनेगी जिसे मई में दिया जाएगा।