687 करोड़ के धौलासिद्ध प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी, सालाना पैदा होगी 304 मिलियन यूनिट बिजली
यंगवार्ता न्यूज - शिमला 02-10-2020
केंद्र सरकार ने 66 मेगावाट की धौलासिद्ध जलविद्युत परियेजना के लिए 687 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें केंद्र सरकार द्वारा इनएबलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट सहायता के रूप में प्रदान की जाने वाली 21.6 करोड़ रुपए की राशि शामिल है।
एसजेवीएन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने बताया कि शुरूआत में इस परियोजना की परिकल्पना 27 अक्तूबर, 2008 को की गई थी। उस दौरान एसजेवीएन तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच एमओयू साइन किया गया था। इसके बाद 25 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमामय उपस्थिति में इन्वेस्टर मीट में परियोजना के लिए एकल आधार पर एमओयू साइन किया गया।
उन्होंने बताया कि यह कार्य एमएनआरई राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आरके सिंह, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के सतत सहयोग के बिना संभव नहीं था।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने परियेजना के लिए समय पर स्वीकृतियों को सुगम बनाने में सर्वाधिक मूल्यवान सहयोग दिया है, जिसके लिए एसजेवीएन उनका सदैव ऋणी रहेगा।
उन्होंने बताया कि रन ऑफ दि रिवर किस्म की यह परियोजना में सुजानपुर से लगभग 10 किलोमीटर डाउनस्ट्रीम में धौलासिद्ध में ब्यास नदी पर स्थित है। अगर परियोजना की मुख्य विशेषताओं की बात की जाए, तो इसमें एक 195 मीटर लंबा, 70 मीटर ऊंचा कंकरीट ग्रेविटी डैम होगा। बांध से लगभग 20 किलोमीटर एक जलाशय का निर्माण होगा।
इसके अलावा 161 क्यूमेक्स के डिस्चार्ज का उपयोग दो इंटेक के माध्यम से किया जाएगा, जो कि बांध की संचरना के अंदर होंगे। परियोजना से सालाना 304 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी। एसजेवीएन इस परियोजना को 54 महीनों में पूरा कर लेगा और इससे 1000 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
ग्रिड में बेशकीमती रिन्यूएबल विद्युत का योगदान देने के अलावा इस परियेजना के पूरा होने से पर्यावरण में सालाना 2.4 लाख टन कार्बन-डायऑक्साईड का प्रवेश घट जाएगा। प्रभावित परिवारों को दस साल के लिए प्रति माह 100 यूनिट बिजली भी उपलब्ध करवाई जाएगी।