यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा 15-02-2023
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने देश की महिला खिलाड़ियों को बिकी हुई कहने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने महिला खिलाड़ियों के लिए बोली जैसे शब्दों के इस्तेमाल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शांता कुमार ने कहा कि सुबह अखबार के पहले पेज पर लगी खबर को पढ़ते-पढ़ते ही कुछ सोचने लगा। सोचते-सोचते सिर शर्म से झुक गया।
खबर थी कि वीमेन आईपीएल नीलामी में भारत की कोई बेटी सबसे अधिक डेढ़ करोड़ में बिकी , कोई बेटी 40 लाख रुपए में बिकी , कोई बेटी नीलामी में बहुत सस्ती बिकी और कोई बेटी बहुत मंहगी बिकी। शांता कुमार ने कहा कि आईपीएल खेलों के लिए इसी प्रकार हर वर्ष नीलामी लगती है। देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी खरीदे और बेचे जाते हैं। सच्चाई यह है कि उस अर्थ में न तो कोई नीलामी होती है और न ही कोई खरीदा व बेचा जाता है। वास्तव में कोई संस्था खेलने के लिये किसी खिलाड़ी को रिवार्ड से सम्मानित करती हैं।
शांता कुमार ने कहा कि अच्छे खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिये संस्थाओं का आपस में मुकाबला होता है, लेकिन भाषाएं इतनी दिवालिया नहीं हुई हैं कि इस गौरवपूर्ण कार्य के लिए अच्छे शब्द न मिलें। मुझे समझ नहीं आता नीलामी में खिलाड़ियों का लाखों करोड़ों में खरीदा और बेचा जाना क्यों लिखा जाता है। शांता कुमार ने कहा कि वस्तुएं खरीदी और बेची जाती है। दुर्भाग्य से भारत में कभी-कभी नेताओं की भी नीलामी होती है। वे भी खरीदे और बेचे जाते हैं, परन्तु इन्हीं शब्दों का प्रयोग खिलाड़ियों के लिए करना शर्मनाक है।
ऐसा बिल्कुल नही किया जाना चाहिए। भारत के खिलाड़ियों को भी इन शब्दों के प्रयोग का विरोध करना चाहिए। उन्होंने भारत सरकार के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से विशेष आग्रह किया है कि इन शब्दों का प्रयोग न किया जाए। खिलाड़ी किसी संस्था के लिए खेलते है। कोई संस्था इन खिलाड़ियों को खेलने के लिए लाखों करोड़ों से सम्मानित करती है। मुझे विश्वास है कि हिमाचल के युवा नेता अनुराग ठाकुर इस महत्वपूर्ण विषय पर निर्णय लेकर एक ऐतिहासिक काम करेंगे।