एसएफआई ने पोस्टर्स ओर पैंटिंग से जताया विरोध, बोले जनता के भोजन का इंतजाम करें सरकार...
यंगवार्ता न्यूज़ शिमला 21-04-2020
एसएफआई का मानना है कि, सरकार ने करोना वायरस को देखते हुए लॉक डाउन आगामी 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। इसके लिए जरूरी है की लोगों की जरूरत, भोजन, रोजगार जैसे सवालों को भी तुरंत सुलझाया जाए।
आम नागरिकों में छात्रों का एक बड़ा तबका है, जो गरीब हैं, संसाधन की कमी है, अपनी पढ़ाई को जारी रखने में। जहां इंटरनेट की सुविधा है वहां परेशानी कम है, लेकिन देश के प्रत्येक कोने तक इंटरनेट की पहुंच नहीं है ना वो स्पीड है। इसलिये ऑनलाइन सरकारी शिक्षा से समाज का एक बड़ा हिस्सा वचिंत हो रहा है जिसके लिये सरकार को कुछ वैकल्पिक प्रयास करने होंगे।
अचानक से लॉक डाउन की घोषणा के चलते अधिकांश छात्र हॉस्टलों में हीं है। सरकार और विश्विद्यालय प्रशासन उनके सुरक्षित रहने और सभी जरूरत की सामग्री उन्हें मुहैया कराने की बात सुनिश्चित करें।
प्रधान मंत्री ने 19 मार्च की शुरुआत में इस समस्या से निपटने के लिए एक टास्क फोर्स को नियुक्त करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय लागू नहीं हुआ है।
सरकार स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों के लिए बुनियादी सुरक्षा उपायों को पूरा करने में विफल रही है और परीक्षण दर के मामले में भी पीछे है। प्रभावित लोगों की संख्या में वृद्धि को लॉकडाउन द्वारा रोका जा सकता है, लेकिन इससे निपटने के लिए जरूरी है की बड़े पैमाने पर परीक्षण तुरंत प्रभाव में लाई जाए।
प्रदेश में हजारों छात्रों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार की ओर से कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है। लोकडॉन का बहाना नहीं किया जा सकता है , हमें इस चरण के लॉकडाउन के दौरान सवास्थ्य सम्बन्धी मानदंडों का पालन करने के लिए मुखर होकर आवाज देने की आवश्यकता है।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए एसएफआई ने झंडे और हाथ से लिखे पोस्टर,तख्तियों के साथ 10 मिनट के लिए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजित किया है। अपने परिवार के सदस्यों को इस प्रदर्शन में शामिल करते हुए एसएफआई ने हमारे देश के कामकाजी जनता और संकटग्रस्त छात्र है उनके प्रति पभी अपनी एकजुटता दर्शायी है , जो अत्यधिक कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
छात्रों को फैलोशिप / छात्रवृत्ति और अनुदान वितरित करें (पीएचडी करने से स्नातक तक)
सरकार को दो महीने का शुल्क माफ करना होगा। व लॉकडाउन के दौरान हॉस्टल को शुल्क भी माफ करना होगा।
सरकार को उन छात्रों की ओर से किराए का भुगतान करना चाहिए जो किराए पर रह रहे हैं।
साथ ही छात्रों की बुनियादी जरूरतों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
कोविड - 19 के लिए अधिक और तेज परीक्षण सुनिश्चित किए जाए।
स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए पीपीई किट की व्यवस्था करें और उनकी सुरक्षा का इंतजाम करें।
लॉक डाउन अवधि के दौरान, सभी छात्रों को सार्वभौमिक राशन उपलब्ध कराना चाहिए।
बेरोजगारों की सहायता के लिए बुनियादी आय भत्ता सुनिश्चित करें।
फर्जी खबरों और सांप्रदायिक बयानबाजी के परिचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें
सेनिटरी पैड्स सभी दुकानों में आवश्यक वस्तु के रूप में उपलब्ध कराओ।
घर से बाहर फसे लोगो को सुरक्षित वापिस पहुँचाया जाए।
उम्मीद करते है राज्य सरकार इन मांगों पर गम्भीरता से विमर्श कर जनता के हित में फैसला लेगी ।