किन्नौर में सेब की बम्पर फसल, 30 लाख पेटी तक जा सकता है सीजन, बागवानों के चेहरे सुर्ख लाल

किन्नौर में सेब की बम्पर फसल, 30 लाख पेटी तक जा सकता है सीजन, बागवानों के चेहरे सुर्ख लाल

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-08-2020

कोरोना महामारी के बीच बागवानों को सेब के बेहतर दाम मिल रहे हैं। जनजातीय जिले किन्नौर से इस साल 30 लाख सेब की पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में जाने का अनुमान है। बीते वर्षों की अपेक्षा इस बार जिले में सेब की बंपर की उम्मीद है।

इन दिनों कल्पा और निचार खंड के निचले इलाकों में सेब सीजन चल रहा है। ऊपरी इलाकों में सितंबर से नवंबर तक सेब सीजन चलेगा। कोविड-19 से जहां अधिकतर लोगों की आर्थिकी प्रभावित हुई है, वहीं किसान बागवान भी इससे अछूते नहीं हैं, लेकिन बागवानों के लिए इस वर्ष सेब के बेहतर दाम मिल रहे हैं।

जिले में वर्ष 2015 में सबसे अधिक 37 लाख 49 हजार सेब पेटियों का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2016 में 30 लाख 3 हजार, वर्ष 2017 में करीब 26 लाख, 2018 में 30 लाख 18 हजार और वर्ष 2019 में 28 लाख 28 हजार सेब पेटियों का उत्पादन हुआ था। जिले से हर वर्ष रतनपुर, शिमला, सोलन, चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई सहित देश के कई हिस्सों में सेब की सप्लाई होती है।

निचार और कल्पा खंड के निचले इलाकों से करीब 2351 पेटियां देश की विभिन्न मंडियों के लिए भेजी जा चुकी हैं। बागवान भुवनेश्वर नेगी, जिया लाल नेगी, शंकर भगत नेगी, वीरेंद्र नेगी, प्रताप सिंह नेगी, प्रमोद नेगी, प्रभाकर नेगी, त्रिलोक नेगी, बद्री नेगी, विजय पाल नेगी, शैलेंद्र नेगी, दलीप नेगी, विद्या नेगी, जितेंद्र नेगी ने बताया कि इस वर्ष जिले के बागवानों को सेब के बेहतर दाम मिल रहे हैं।

2000 रुपये से 2500 रुपये प्रति पेटी बिक रही है। उद्यान विभाग किन्नौर के उप-निदेशक डॉ. हेम चंद शर्मा ने कहा कि बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष सेब की बंपर फसल होने की उम्मीद है। मौसम से सेब की फसल को कम नुकसान पहुंचा है।