क्या किसी हादसे के बाद होगा तीनों हवाई अड्डो का विस्तार, हाई रिस्क में हिमाचल के रनवे
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 09-08-2020
हिमाचल के तीनों हवाई अड्डे छोटा रनवे होने के चलते हाई रिस्क पर हैं। बीते कई वर्षों से शिमला के जुब्बड़हट्टी, कांगड़ा के गगल और कुल्लू के भुंतर हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का प्रस्ताव फाइलों में ही घूम रहा है। केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से मौके का निरीक्षण करने के बाद भी इस संदर्भ में गंभीरता से कोई फैसला नहीं लिया गया है।
केरल के कोझिकोड जैसा हादसा देवभूमि हिमाचल में न हो, इसके लिए समय रहते कदम उठाने की जरूरत है। शिमला से करीब बीस किलोमीटर दूर स्थित जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे का रनवे करीब 1200 मीटर है। गगल एयरपोर्ट का रनवे 1370 मीटर और भुंतर हवाई अड्डे का रनवे 1050 मीटर लंबा है।
हवाई जहाज की सुरक्षित लैंडिंग को 1500 मीटर रनवे होना जरूरी है। शिमला हवाई अड्डे के तीन ओर गहरी खाई है। भुंतर हवाई अड्डे के आगे ब्यास नदी बहती है। ऐसे में यहां भी कोई हादसा हो सकता है। मार्च 2020 में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि कांगड़ा और शिमला हवाई अड्डों के विस्तार को आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
सरकार कांगड़ा और शिमला के हवाई अड्डों के विस्तारीकरण को आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगी। कांगड़ा में इसको लेकर प्रयास भी शुरू हुए थे, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते मामला अभी लटका हुआ है।
गगल हवाई अड्डे के नए मास्टर प्लान में 3010 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे प्रस्तावित है। शिमला और भुंतर हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर भी प्रस्ताव बनाए गए हैं। दोनों हवाई अड्डों का रनवे करीब 1500 मीटर बनाने को कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन निजी भूमि और पेड़ों के चलते प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ पा रहे हैं।
उधर, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन निदेशक यूनुस ने बताया कि हवाई अड्डों के विस्तारीकरण को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। केंद्र को प्रस्ताव भेजे गए हैं। दिल्ली के अधिकारियों के साथ परस्पर संपर्क बनाया हुआ है। जल्द इसको लेकर काम शुरू किया जाएगा। विस्तारीकरण को लेकर पेश आ रहीं दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार प्रयासरत है।