कार्रवाई : 7.50 करोड़ रुपए की नकली दवाइयां बनाने के आरोप में बद्दी की साइपर फार्मा कंपनी की प्रबंधक अरेस्ट 

करोड़ों की नकली दवा निर्माण के एक मामले में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बद्दी स्थित साइपर फार्मास्युटिकल्स कंपनी की प्रोपराइटर को गिरफ्तार कर लिया है। महिला उद्यमी को बुधवार शाम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। बता दें कि मार्च माह में एसटीएफ वाराणसी से करोड़ों की नकली दवाओं के निर्माण के मामले में मिली सूचना के बाद

कार्रवाई : 7.50 करोड़ रुपए की नकली दवाइयां बनाने के आरोप में बद्दी की साइपर फार्मा कंपनी की प्रबंधक अरेस्ट 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  25-05-2023
 
करोड़ों की नकली दवा निर्माण के एक मामले में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बद्दी स्थित साइपर फार्मास्युटिकल्स कंपनी की प्रोपराइटर को गिरफ्तार कर लिया है। महिला उद्यमी को बुधवार शाम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। बता दें कि मार्च माह में एसटीएफ वाराणसी से करोड़ों की नकली दवाओं के निर्माण के मामले में मिली सूचना के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने तत्काल कार्रवाई करते हुए साइपर फार्मा कंपनी की बद्दी स्थित इकाई को सील कर दिया था। 
 
 
अब बुधवार को लंबी जद्दोजहद के बाद प्राधिकरण की टीम ने नकली दवा मामले में आरोपी महिला उद्यमी को बद्दी से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले से जुड़े कुछ और लोग भी प्राधिकरण की राडार पर है, जिनकी जल्द गिरफतारी हो सकती है। ताजातरीन घटना के बाद दवा उद्यमियों खासकर दवा निर्माण में गुणवत्ता से समझौता कर रहे कारोबारियों में हडक़ंप की स्थिति है। यहां उल्लेखनीय है कि स्पेशल टास्क फोर्स ने वाराणसी में दो मार्च को करीब 7.50 करोड़ रुपए की नकली दवाओं सहित औरंगाबाद निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था। उस दौरान जांच से पता चला था कि इनमें से कुछ दवाओं का निर्माण बद्दी स्थित साइपर फार्मास्युटिकल्स में किया था। ये दवाएं बिहार, तेलंगाना जैसे राज्यों के अलावा एक गिरोह द्वारा पूर्वांचल के मेडिकल स्टोर और निजी क्लीनिकों में सप्लाई की जाती थीं। 
 
 
यह गिरोह हिमाचल प्रदेश के बद्दी से मोनोसेफ ओ , गैबापिन एनटी , क्लैवम 625 , पैन डी , पैन 40 , सेफ एजेड और टैक्सिम ओ सहित कई प्रमुख ब्रांडों और पेटेंट दवाओं की नकली दवाओं के निर्माण में कथित रूप से शामिल था। इस तरह की नकली दवाओं को वाराणसी में स्टॉक किया जा रहा था और गिरोह के नेटवर्क के जरिए पूर्वी यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और हैदराबाद के बाजारों में सप्लाई किया जा रहा था। उस दौरान कई घंटों की तलाशी के दौरान नकली दवाओं से भरे 300 कार्टन मिले थे, जिनकी कीमत लगभग 7.50 करोड़ रुपए आंकी गई थी। 
 
 
मार्च माह में वाराणसी एसटीएफ से सूचना मिलने के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण हरकत में आते हुए साईपर के यूनिट के निरीक्षण किया और अन्य प्रमुख दवा कंपनियों के नाम पर अनधिकृत रूप से निर्मित दवाओं का एक बड़ा जखीरा पैकेजिंग सामग्री के साथ बरामद किया। बद्दी में विगत दस वर्षों से दवा निर्माण कर रही उक्त कंपनी के यूनिट को मार्च माह में ही निरीक्षण के दौरान सील कर दिया गया था। 
 
 
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि नकली दवा मामले में बद्दी से साइपर फार्मा की प्रोपराइटर रजनी भार्गव को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला को बुधवार शाम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे तीन दिन के रिमांड पर भेजा है। उन्होंने बताया कि इस मामले की गहनता से पड़ताल की जा रही है। इस मामले व नकली दवाओं के रैकेट में शामिल हर व्यक्ति को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।