खुशखबरी : निवेशकों को 45 दिनों में मिलेगा सहारा में फंसा हुआ पैसा , सबसे पहले किसके खाते में आएगी रकम जानिए

गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सहारा ग्रुप को-ऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले चार करोड़ लोगों को उनकी राशि लौटाई जाएगी । श्री शाह ने सोसायटी के सदस्यों को निवेश की राशि लौटाने के लिए सीआरसीएस पोर्टल की शुरुआत करते हुए कहा कि सबसे पहले छोटे निवेशकों को उनकी गाढ़ी कमाई का हिस्सा लौटाया

खुशखबरी : निवेशकों को 45 दिनों में मिलेगा सहारा में फंसा हुआ पैसा , सबसे पहले किसके खाते में आएगी रकम जानिए

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  18-07-2023
 
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सहारा ग्रुप को-ऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वाले चार करोड़ लोगों को उनकी राशि लौटाई जाएगी । श्री शाह ने सोसायटी के सदस्यों को निवेश की राशि लौटाने के लिए सीआरसीएस पोर्टल की शुरुआत करते हुए कहा कि सबसे पहले छोटे निवेशकों को उनकी गाढ़ी कमाई का हिस्सा लौटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले सहारा में 10 हजार रुपए निवेश करने वाले करीब एक करोड़ सात लाख निवंधित लोगों को निवेश की राशि लौटाई जाएगी। यह राशि 45 दिन के अंदर उनके बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। 
 
 
उन्होंने कहा कि सहारा को-ऑपरेटिव सोसायटी में कुल चार करोड़ निवेशकों ने अपनी पूंजी लगायी थी। इस मामले में कहीं भी गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी और पारदर्शी तरीके से लोगों को भुगतान किया जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि निवेशकों के साथ पूरा न्याय होगा। उन्होंने कहा कि सहारा को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 30 हजार रुपए तक निवेश करने वाले लगभग ढाई करोड़ लोग हैं, जिन्हें पैसा मिलेगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों को राशि लौटाने की प्रक्रिया ऑनलाइन और पूरी तरह से पारदर्शी है। 
 
 
कानूनी लड़ाई के कारण निवेशकों की गाढ़ी कमाई की राशि फंस गई थी, जो अब सभी संबंधित पक्षों और उच्चतम न्यायालय के कारण सुलझ गया है। उन्होंने कहा कि कई सारी एजेंसियों ने शिकायत के बाद निवेशकों की राशि जब्त कर ली थी , लेकिन बाद में सभी पक्षों ने इस मामले को सुलझा लिया।सहकारिता मंत्री ने कहा कि बिना पूंजी वाले लोग भी, जो देश के विकास में सहयोग करना चाहते हैं, वे सहकारिता के माध्यम से पैसा कमा सकते हैं। देश के 70 लोगों के पास पूंजी नहीं है, लेकिन वे देश के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं। 
 
 
उन्होंने सहकारिता एक ऐसा माध्यम है, जिसमें छोटी पूंजी से भी बहुत सारे लोग फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने इस सिलसिले में सहकारिता के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में आयी क्रांति का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात में 36 लाख बहनें दुग्ध उत्पादन से जुड़ी हैं और वे एक सौ रुपये निवेश की हैंं, जिसकी कुल आय 60 हजार करोड़ रुपए का हो रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात के आधार पर ही देश के बिहार, कर्नाटक और कई अन्य राज्यों के मॉडल बने हैं और इनसे करीब ढाई करोड़ बहनें जुड़ी हैं।