चैत्र नवरात्रों  में चिंतपूर्णी और ज्वालामुखी में श्रद्धालुओं को पर्ची सिस्टम से ही करवाए जाएंगे दर्शन  

चैत्र नवरात्रों  में चिंतपूर्णी और ज्वालामुखी में श्रद्धालुओं को पर्ची सिस्टम से ही करवाए जाएंगे दर्शन  

यंगवार्ता न्यूज़ - ज्वालाजी   09-04-2021

कोरोना के बीच हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में 13 से 21 अप्रैल तक होने वाले चैत्र नवरात्रों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के चलते चिंतपूर्णी और ज्वालामुखी में श्रद्धालुओं को पर्ची सिस्टम से ही दर्शन करवाए जाएंगे। 

मंदिर में हवन, यज्ञ, कन्या पूजन, कीर्तन, सत्संग, भागवत और मुंडन संस्कार आदि कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा। ढोल-नगाड़ों और भीड़ जुटाने पर भी रोक रहेगी। 

शक्तिपीठ ज्वालामुखी में मंदिर न्यास श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुख्य मंदिर मार्ग बस स्टैंड से मुख्य सीढ़ियों तक बनी कैनोपी में पांच बड़ी एलसीडी और मंदिर परिसर में भी बड़ी-बड़ी एलसीडी ऑडियो-वीडियो सिस्टम लगा रहा है।

एलसीडी स्क्रीन पर आरती का प्रसारण किया जाएगा। मंदिर अधिकारी व नायब तहसीलदार निर्मल सिंह ने बताया कि केंद्र के सौजन्य से प्राप्त 90 लाख से सारा सिस्टम मंदिर परिसर व मंदिर मार्ग पर लगाया जा रहा है। 

चैत्र नवरात्र के दौरान कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए एसओपी जारी करते हुए उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि मंदिर क्षेत्र में चिह्नित स्थानों पर श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग की जाएगी।

सड़कों के किनारे और धर्मशालाओं में सामुदायिक रसोई या लंगर की अनुमति नहीं होगी। मंदिर क्षेत्र में अस्थायी दुकानें व अस्थायी पार्किंग प्रतिबंधित रहेगी। 

बुखार, खांसी अथवा जुकाम जैसे लक्षणों वाले श्रद्धालुओं को आइसोलेट कर अस्पताल भेजा जाएगा। उन्हें कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट के पश्चात छुट्टी दी जाएगी। 

श्रद्धालुओं को पंजीकरण और मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए चिंतपूर्णी सदन, नए बस अड्डा के समीप एडीबी भवन अथवा अन्य चिह्नित स्थल पर संपर्क करना होगा।

इसके अलावा बज्रेश्वरी मंदिर, चामुंडा, नयनादेवी और सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध में भी चैत्र नवरात्र को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। 

डीसी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि पुजारी श्रद्धालुओं को न प्रसाद बांटेंगे और न ही मौली बांधेंगे। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो बारीदारों को बैठने की अनुमति रहेगी। 

मंदिर में मूर्तियों, प्रतिमाओं व पवित्र पुस्तकों को छूने की मनाही होगी। नारियल का प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध रहेगा। चुनरी व झंडे केवल चिह्नित स्थलों पर चढ़ाए जा सकते हैं।