यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 03-09-2022
सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने का मामला सुलझने के बजाय उलझता हुआ ज्यादा नजर आ रहा है एक तरफ जहां भाजपा जनजातीय दर्जा देने का दावा कर रही है , वहीं दूसरी तरफ कुछ भाजपा नेता जनजातीय दर्जा न देने की मांग भी उठा रहे जिसको लेकर हाटी विकास मंच के मुख्य प्रवक्ता डॉ. रमेश सिंगटा ने भाजपा के बड़े नेता को चेताया कि हाटी के हितों की राह में रोड़ा अटकाने वालों की अब खैर नहीं होगी।
गिरिपार के समाज में जातिवादी जहर उगलने वालों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वह नहीं सुधरे तो फिर पैदा होने वाली परिस्थितियों के लिए खुद जिम्मेदार होंगे। हाटी विकास मंच के मुख्य प्रवक्ता डॉ. रमेश सिंगटा, अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा और उनकी पूरी टीम ने रेणुका के पूर्व विधायक हिरदाराम पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने विधायक बनना था तब हाटी के हितों की पैरवी की , लेकिन अब अपनी पेंशन मिल रही है तो हाटियों को टेंशन दे रहे हैं।
समुदाय को जनजातीय दर्जा दिलाने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा अटका रहे हैं। उन्होंने सत्ताधारी दल के एक बड़े नेता को भी चेतावनी दी कि वह भी अपने आचरण में सुधार करें हाटी विरोधी रवैया छोड़े और उनके पक्ष की बातें करें , क्योंकि भाजपा ने ही अपने घोषणापत्र में हाटी को एसटी का दर्जा दिलाने का वादा किया है। अगर भाजपा का कोई भी नेता हाटी का विरोध करता है तो वह मिशन रिपीट में सबसे बड़ा बाधक बनेगा। सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा मिलने पर किसी के भी अधिकारों का हनन नहीं होगा।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी हाथी को जनजातीय दर्जा मिलने में देरी पर भाजपा को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता जीएस तोमर ने कहा कि भाजपा हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के मामले को लटकाने में लगा है। भाजपा सरकार लोगों को गुमराह करने में लगी है वास्तविकता में भाजपा गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देना ही नहीं चाह रही।
एक तरफ भाजपा सरकार कह रही है कि जनजातीय दर्जे को लेकर सरकार कभी भी घोषणा कर सकती है जबकि दूसरी तरफ लंबे अरसे से मामले को लटकाया जा रहा है जिसका आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना होगा लोग अब भाजपा के झूठे आश्वासनों में आने वाले नहीं है। हाटी विकास मंच ने चेतावनी दी कि ऐसे नेताओं को गिरिपार में प्रवेश करने पर पाबंदी लगाएंगे। अगर फिर भी नहीं सुधरे तो उनका घेराव किया जाएगा।
चाहे वह किसी भी दल का कितना ही बड़ा नेता क्यों न हों। गौरतलब है कि हाटी समुदाय को लंबे समय से जनजातीय का दर्जा देने की मांग केंद्र सरकार के विचाराधीन है। माना जा रहा है मोदी सरकार जल्द इस मांग को पूरा करेंगे, लेकिन इस बीच एक वर्ग ऐसा है जो जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहा है। उस वर्ग को लग रहा है कि इससे उनके हक मारे जाएंगे। यही वजह है कि इस मसले को लेकर गिरिपार क्षेत्र में लोग बांट रहे हैं।